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1947 का भारत और अब का इंडिया, जानें क्या हुआ बदलाव?

जुबिली स्पेशल डेस्क

नई दिल्ली। आज पूरा देश आजादी का जश्न मना रहा है। आजादी के बाद भारत लगातार आगे बढ़ रहा है। इतना ही नहीं पूरे विश्व में भारत का डंका बज रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर लाल किले से तिरंगा फहराया। इस दौरान देश काफी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरा है।

आजादी के वक्त हम 34 करोड़ थे लेकिन मौजूदा दौर में हम 1.41 बिलियन जा पहुंचे हैं। आम आदमी कमाई में अब जमीन आसमान का अंतर देखा जा सकता है।

पहले लोगों की सालाना कमाई 274 रुपये थी लेकिन अब ये 1.26 लाख रुपये से ज्यादा हो गई है जबकि देश की जीडीपी में बड़ा अंतर देखा जा सकता है। जीडीपी उस समय 2.93 लाख करोड़ रुपये होती थी लेकिन अब करीब 134 लाख करोड़ रुपये जा पहुंची है।

आइए जानते हैं हम कहा पर पहुंचे हैं…

आबादी लगातार बढ़ रही है : जब से देश आजाद हुआ तब से देश की आबादी लगातार बढ़ रही है। पहले देश की आबादी 34 करोड़ के करीब होती थी लेकिन अब ये 121 करोड़ के पार जा पहुंची है।

आजादी के वक्त देश की 70 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे थी। आजादी के बाद इसमें काफी बदलाव हुआ। 1977 तक ये संख्या घटकर 63%, 1991 तक 50% जनसंख्या गरीब थी। 2011 के आंकड़ों के अनुसार देश में फिलहाल 22.5 प्रतिशत लोग गरीबी में रह रहे हैं। हालांकि 2011 से लेकर अब तक इनकी संख्या में और कमी आई होगी। आज देश की जीडीपी 55 गुना बढ़कर 150 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

कमाई में क्या फर्क पड़ा : बताया जाता है कि 1950-51 में देश में एक आदमी की सालाना कमाई 274 रुपये थी लेकिन अब इसमें काफी बदलाव देखने को मिला है। 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय 1.26 लाख रुपये से ज्यादा रही थी। हालांकि कहा जाता है कि कोरोना वायरस नहीं आता तो इसमें और बदलाव देखने को मिल सकता था।

बेरोजगारी अब भी चरम पर : आजादी के वक्त कितने लोग बेरोजगार थे इसको लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं है लेकिन नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस ने 1972-73 में पहला सर्वे किया था। उस सर्वे बताया गया था कि उस समय देश में बेरोजगारी दर 8.35 प्रतिशत थी। अब अगर मौजूदा स्थिति की बात करे तो जुलाई 2021 में देश में बेरोजगारी दर 6.95 प्रतिशत जा पहुंची थी।

जीडीपी क्या हाल है : आजादी के बाद से अब तक हमारी जीडीपी 50 गुना बढ़ी है। 1950-51 में हमारी जीडीपी 2.93 लाख करोड़ रुपये थी, आज देश की जीडीपी 55 गुना बढ़कर 150 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर में कितना आया बदलाव : कोरोना काल में देश के मेडिकल सिस्टम को लेकर कई तरह के सवाल उठाये गए है लेकिन आजादी के बाद हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर में काफी बदलाव आया है। आजादी के वक्त केवल 30 मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे लेकिन अब इसमें काफी बड़ा बदलाव हुआ है और 541 मेडिकल है।

27 पैसे का पेट्रोल अब मिलता है 100 रुपये में : आजादी के वक्त एक लीटर पेट्रोल की कीमत 27 पैसे हुआ करती थी लेकिन अब ये आंकड़ा 100 पार जा पहुंच चुका है।

सोने की कीमत में भारी उछाल : आजादी के वक्त भारत को सोने की चिडिय़ा कहकर पुकारा जाता था। कभी सोचा है आपने ऐसा क्यों कहा जाता है। दरअसल उस दौर के भारत में हर घर में सोना हुआ करता था। कभी सोने की कीमत 90 रुपये होती थी लेकिन 10 ग्राम सोने की कीमत 50 हजार के आसपास पहुंच गई है।

स्कूलों : मौजूद समय में 15 लाख स्कूल है जबकि उस दौर के सरकारी आंकड़े की माने तो 1.40 लाख के आसपास प्राइमरी और 12,693 मिडिल और हाई स्कूल हुआ करते थे। शिक्षा के लिए उस दौर का बजट 74 करोड़ रुपये हुआ करता था लेकिन अब ये बढ़कर 93 हजार करोड़ रुपये किया गया है।

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