- भारत में कोरोना मामलो में मृत्यु दर (सीएफआर) पहली बार 2.5% से नीचे आई
- 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सीएफआर राष्ट्रीय औसत से कम दर्ज की गई
जुबली न्यूज़ डेस्क
केंद्र और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए पर्याप्त नैदानिक प्रबंधन पर केंद्रित प्रयासों का नतीजा है कि भारत में केस मृत्यु दर 2.5% से कम हो गई है।
कोरोना बीमारी को फैलने से रोकने की प्रभावी कार्यनीति, बड़े स्तर पर परीक्षण और देखभाल दृष्टिकोण के समग्र मानक के आधार पर मानकीकृत नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल के पालन से मृत्यु दर में काफी गिरावट आई है। मृत्यु दर में लगातार कमी दिख रही है और अभी यह 2.49% है। भारत कोविड-19 बीमारी से होने वाली मौतों के संदर्भ में दुनिया में सबसे कम मृत्यु दर वाला देश है।
केंद्र के मार्गदर्शन में,राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के प्रयासों से कोविड परीक्षण और अस्पताल के बुनियादी ढांचे में सुधार किया है। कई राज्यों ने बुजुर्गों,गर्भवती महिलाओं और सह-रुग्णताओं वाले कमजोर लोगों का पता लगाने और उनकी पहचान करने के लिए जनसंख्या सर्वेक्षण किया है।
मोबाइल एप्स जैसे तकनीकी समाधानों की मदद से कराए गए सर्वेक्षण से बीमारी को लेकर उच्च जोखिम वाले लोगों पर लगातार नजर रखना सुनिश्चित किया गया है। इससे संक्रमण की प्रारंभिक पहचान करने,समय रहते नैदानिक उपचार करने और इस बीमारी से होने वाली मौतों को कम करने में मदद मिली।
जमीनी स्तर पर, आशा और एएनएम जैसे फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने प्रवासी मजदूरों के प्रबंधन और सामुदायिक स्तर पर जागरूकता बढ़ाने का सराहनीय काम किया है। इसका परिणाम यह आया कि भारत में राष्ट्रीय औसत से कम मामला मृत्यु दर (सीएफआर) वाले 29 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हो गए हैं। 5 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सीएफआर शून्य है। 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सीएफआर 1% से कम है। यह देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के तहत किए गए सराहनीय कार्य को दर्शाता है।
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