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जिनेवा। कश्मीर के मुद्दे पर पर यूएनएचआरसी में भारत ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया और कहा कि उसका आत्मनिर्णय का राग दरअसल सीमा पार आतंकवाद का समर्थन है। यह जानकारी रविवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन में प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने यूएनएचआरसी के 41वें सत्र के दौरान यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ी समस्या सीमा पार आतंकवाद है जिसे पाकिस्तान हर तरह से प्रोत्साहन देता है। पाकिस्तान सरकार की नीति आतंकवाद को बढ़ावा देने की है जिससे कश्मीर में मानवाधिकार का निरंतर उल्लंघन हो रहा है।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के रहने वाले आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा अपनाया गया स्वनिर्णय का सिद्धांत दुनिया के देशों के लिए गंभीर खतरा है, जहां अनेक जाति और धार्मिक समुदाय साथ-साथ निवास करते हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार की बात कर भारत के खिलाफ आतंकवाद को सैन्य, वित्तीय और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करना है। आर्यन ने कहा, ‘पाकिस्तान को 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर अधिघोषणा के तहत अपनी प्रतिबद्धता पूरी करनी चाहिए।’