स्पेशल डेस्क
लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधित करते हुए कहा है कि भारत आज अंतरिक्ष महाशक्ति बन गया है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले भारतीय वैज्ञानिकों ने मिशन शक्ति ऑपरेशन पूरा करते हुए सिफ तीन मिनट में भारत ने सैटेलाइट को मार गिराया। पीएम मोदी ने इस संदेश के साथ ही मिशन शक्ति बनने का दावा किया है जो बिलकुल सच है लेकिन ऐसा नहीं है कि भारत आज मिशन शक्ति आज बना है बल्कि दस साल पूर्व ही भारत के पास ऐसी क्षमता थी।
भारत के मिशन शक्ति पर के्रडिट वॉर भी देखने को मिल रहा है। जहां एक ओर मोदी मिशन शक्ति कामयाबी पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस भी इस मामले में अपना के्रडिट ले रही है। सोशल मीडिया पर मिशन शक्ति को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर उस समय के एक ट्वीट को भी सामने लाया गया है जिसमें कहा गया है कि यह तकनीक 2012 में ही विकसित कर ली थी, जिसकी घोषणा तत्कालीन डीआरडीओ प्रमुख ने की थी।
इस पूरे मामले पर राजनीति भी गरमा गई है। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने बुधवार को चुनाव को पत्र लिखकर पीएम पर निशाना साधा और कहा है कि राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जा रही है।
Former DRDO Chief Dr VK Saraswat on #MissionShakti: We made presentations to National Security Adviser&National Security Council, when such discussions were held, they were heard by all concerned, unfortunately, we didn't get positive response (from UPA), so we didn't go ahead. pic.twitter.com/qJDMtc3Kf2
— ANI (@ANI) March 27, 2019
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि इस तरह की जानकारी संबद्ध वैज्ञानिक संस्था द्वारा दी जाती है लेकिन पीएम इसके लिए खुद किया है। उन्होंने इशारों में कहा कि राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जा रही है। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा है कि भारत ने यह तकनीक 2012 में ही विकसित कर ली थी, जिसकी घोषणा तत्कालीन डीआरडीओ प्रमुख ने की थी।