जुबिली न्यूज डेस्क
यूक्रेन पर रूय के हमले के बीच अधिकांश देश अपने नागरिकों को निकालने में जुटे हुए हैं। भारत में यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को निकालने में जुटा हुआ है।
इस अभियान के तहत भारत ने 470 भारतीय छात्रों का पहला जत्था यूक्रेन से बाहर निकलकर रोमानिया की सीमा में पहुंच चुका है।
कीव में भारत के दूतावास की ओर से बताया गया है कि भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित निकालने की ये प्रक्रिया रोमानिया, हंगरी और पोलैंड के भारतीय दूतावासों के संयुक्त प्रयासों से की जा रही है।
भारतीय छात्रों को पोलैंड में प्रवेश की अनुमति मिल सके इसके लिए पोलैंड-यूक्रेन सीमा पर भी तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
गौरतलब है कि इस सबके बीच शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी की फोन पर बातचीत हुई है।
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इधर रूसी सेना तेजी से यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में घुस रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेेलेंस्की ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि आने वाले कुछ घंटों में रूस, राजधानी कीएव पर हमला कर देगा।
वहीं पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन की बातचीत के बाद भारत सरकार के स्टैंड को लेकर कांग्रेस से दो तरह के विचार सामने आए हैं।
एक पक्ष का कहना है कि भारत सरकार को संतुलन बनाए रखना चाहिए तो दूसरा पक्ष ये कह रहा है कि रूस की कार्रवाई की निंदा होनी चाहिए।
Today afternoon more than 470 students will exit the Ukraine and enter Romania through the Porubne-Siret Border. We are moving Indians located at the border to neighbouring countries for onward evacuation. Efforts are underway to relocate Indians coming from the hinterland. pic.twitter.com/iLFTWHifpm
— India in Ukraine (@IndiainUkraine) February 25, 2022
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश राज्य मंत्री आनंद शर्मा ने सरकार द्वारा उठाए कदमों पर ही जोर दिया है तो वहीं कांग्रेस के ही दूसरे वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी का तर्क है कि सरकार को इस मामले में स्पष्ट रूख रखना चाहिए और रूस को बताना चाहिए कि ये हमला गलत है।
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कांग्रेस सांसद शशि थरूर का कहना है कि भारत को रूस की कार्रवाई की निंदा करनी चाहिए, क्योंकि ये अंतरराष्ट्रीय नियमों और यूएन चार्टर का उल्लंघन है।