जुबिली न्यूज डेस्क
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख़्वा प्रांत के करक जिले में बुधवार को एक मंदिर में तोडफ़ोड़ की घटना सामने आयी है। इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान में में मंदिर तोड़े जाने को लेकर दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमिशन के सामने चिंता जताई है।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को पाकिस्तान हाई कमिशन से कहा कि पाकिस्तान सरकार मंदिर पर हमले की जांच की जानकारी भारत से साझा करे।
भारत ने इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख़्त कार्रवाई करने की मांग भी की। अंग्रेजी अखबार द हिन्दू के अनुसार भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग से कहा है, “पाकिस्तान सरकार से यह उम्मीद की जाती है कि वो अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और उनकी भलाई पर ध्यान देगी।”
सूत्रों के अनुसार भारत ने ये भी याद दिलाया है कि 1997 के बाद से दूसरी बार है जब करक मंदिर को नुकसान पहुंचाया गया है।
इस हमले के बाद पाकिस्तान की केंद्रीय और प्रांतीय सरकार ने 30 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं।
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पाकिस्तान के अखबार डॉन न्यूज के अनुसार गिरफ्तार लोगों में मौलाना और जमात-उलेमा-ए-इस्लाम के एक नेता शामिल हैं। उन्हें पूजास्थल तोडऩे, धार्मिक भावनाओं को आहत करने, लूट, आगजनी और हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही उन पर पाकिस्तान का आतंक-विरोधी कानून भी लगाया गया है।
प्रांत के मुख्यमंत्री ने एक समारोह के दौरान कहा कि उन्होंने मंदिर को दोबारा बनाने के आदेश दिए हैं।
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पाकिस्तान में हिंदू काउंसिल के प्रमुख रमेश वंकवानी ने पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की और कोर्ट ने इसे गंभीर चिंता का विषय कहते हुए अथॉरिटी को चार जनवरी तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। साथ ही खैबर पख्तूूनख़्वा के अधिकारियों को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है।