- चीन से मंगाई गई एक किट की लागत है 245 रुपये
- ICMR ने 5 लाख किट का ऑर्डर 600 रु. कीमत पर दिया
न्यूज डेस्क
आखिरकार भारत ने चीन से पांच लाख रैपिड टेस्टिंग किट मंगाने का ऑर्डर रद्द कर दिया है। भारत के इस कदम को चीन ने अनुचित बताया है।
दरअसल चीन से आए ये टेस्टिंग किट प्रयोग में सही साबित नहीं हो रहे थे। सबसे पहले राजस्थान में टेस्टिंग किट में खामिया मिली थी। इसके बाद आईसीएमआर ने टेस्ट पर रोक लगा दिया।
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फिलहाल केंद्र सरकार ने राज्यों में भेजे गए टेस्टिंग किट वापस मंगा लिए हैं। इन किट्स से संक्रमित लोगों के रक्त में एंटीबॉडीज का पता लगाया जाता है।
रैपिड टेस्टिंग किट से परिणाम हासिल करने में 30 मिनट का समय लगता है। इससे अधिकारियों को किसी खास इलाके में संक्रमण के प्रसार का अंदाजा हो जाता है।
चूंकि रैपिड टेस्टिंग किट से कोरोनावायरस का टेस्ट नहीं हो सकता है, इसलिए कई वैज्ञानिकों ने इसके इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं।
वहीं चीन ने भारत के दावों को खारिज किया है। चीनी दूतावास के प्रवक्ता जे रोंग ने मंगलवार को अपने बयान में कहा है, “चीन से निर्यात किए जाने वाले चिकित्सा उत्पादों की गुणवत्ता को प्राथमिकता दी जाती है। कुछ व्यक्तियों द्वारा चीनी उत्पादों को दोषपूर्ण बताना अनुचित और पूर्वाग्रह से देखने का गैर जिम्मेदाराना नजरिया है।”
मालूम हो कि भारत के कुछ राज्यों ने रैपिड टेस्टिंग किट के इस्तेमाल के बाद ही शिकायत शुरू कर दी थी कि इसके परिणामों की विश्वसनीयता महज पांच प्रतिशत है। राज्यों के मुताबिक इन किट्स से पहले से ही मालूम कोरोना संक्रमित लोगों के टेस्ट किए गए और उनके नतीजे भी निगेटिव निकले।
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इसके बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की क्वालिटी चेक में भी ये टेस्ट किट्स फेल हो गईं। इसके अलावा इस मामले में मुनाफाखोरी का भी मामला सामने आया है।
सोमवार को दिल्ली हाइकोर्ट ने यह भी कहा कि भारत टेस्टिंग किट के लिए कहीं ज्यादा पैसों का भुगतान कर रहा है।
टेस्ट किट को मंगाने में धांधली का खुलासा तब हुआ जब इसके वितरक और आयातक के बीच मुकदमेबाजी हो गई और दोनों दिल्ली हाई कोर्ट चले गए थे।
इस मुकदमेबाजी से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को बेची गई इस किट में बहुत मोटा मुनाफा कमाया गया है।
दरअसल इस किट की भारत में आयात लागत 245 रुपये ही है, लेकिन इसे ICMR को 600 रुपये प्रति किट बेचा गया है, यानी करीब 145 फीसदी के मोटे मुनाफे के साथ। दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस नाजमी वजीरी की सिंगल बेंच ने इसका दाम 33 फीसदी घटाकर इसे प्रति टेस्ट किट 400 रुपये में बेचने का आदेश दिया है। इस कीमत पर भी वितरक को 61 फीसदी का मुनाफा मिलता है। हाईकोर्ट ने इसे पर्याप्त बताया।
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