जुबिली न्यूज डेस्क
भारत दुनिया में सोने के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है। भारत में सोने की मांग हमेशा बनी रहती है लेकिन पिछले साल तो भारत ने सोने के आयात के पिछले सारे पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
बीते साल भारत में 1050 टन सोना आयात किया गया जो 2020 से दोगुने से भी अधिक है। साल 2021 में भारत ने इस बहुमूल्य धातु के आयात के पिछले रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया।
सोने के आयात का लेखा-जोखा रखने वाले एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इससे पहले 2011 में 53.9 अरब डॉलर का सोना आयात किया गया था।
अधिकारी के मुताबिक, साल 2020 में 430 टन सोना आयात हुआ था जबकि 2021 में इसकी मात्रा दोगुनी से भी अधिक बढ़कर 1050 टन पर पहुंच गई, जो पिछले एक दशक में सबसे अधिक है।
कोरोना महामारी का असर
विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कमी ने भारतीय खरीददारों को प्रोत्साहित किया। सोने के थोक विक्रेता पीयूष अग्रवाल कहते हैं, “पिछले साल तो मांग जबरदस्त थी क्योंकि कोरोना महामारी के कारण 2020 में शादियां टल गई थीं.”
दरसअल साल 2019 के आखिर में कोरोना महामारी की शुरुआत चीन में हुई थी और मार्च 2020 में भारत ने बेहद सख्त लॉकडाउन लागू कर दिया था। इस लंबी तालाबंदी में न सिर्फ बाजार और दुकानें बंद करा दी थीं बल्कि आम लोगों की जिदंगी थम गई थी।
इतना ही नहीं लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में शादियां भी टल गईं जो सोने की खरीददारी की भारत में एक बड़ी वजह मानी जाती हैं।
इसके अलावा अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों पर भी लोग जमकर सोना खरीदते हैं लेकिन तालाबंदी के कारण यह त्योहार भी बहुत छोटे पैमाने पर मानाया गया और मांग बेहद कम रही।
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अग्रवाल कहते हैं कि ये कारण तो थे ही, इनके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमत भी कम हुईं जिस कारण 2021 की शुरुआत में लोगों ने काफी खरीददारी की थी।
फिर घट सकती है सोने की मांग
मालूम हो कि अगस्त 2020 में सोने की कीमत भारतीय बाजार में 56,191 रुपये प्रति दस ग्राम पहुंच गई थी जो एक नया रिकॉर्ड था। लेकिन मार्च 2021 में यह कीमत 43,320 रुपये पर लौट आई।
उसी महीने में देश में 177 टन सोना आयात किया गया। पिछले साल दिसंबर में 86 टन सोना आयात किया गया जो 2020 दिसंबर के 84 टन से थोड़ा ज्यादा था।
वहीं एक बार फिर भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण बाजार को लॉकडाउन का डर सता रहा है जिसका असर सोने की मांग पर भी हो सकता है। इसीलिए जूलर्स ने खरीद कम कर दी है।
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वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार पिछले साल की पहली तिमाही में विश्व बाजार में सोने की मांग बढ़ी थी लेकिन दूसरी और तीसरी
तिमाही में इसमें कमी आई। दूसरी तिमाही में मांग 10 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 7 प्रतिशत कम रही। अक्टूबर में जारी आंकड़ों के अनुसार तीसरी तिमाही में 831 टन सोना खरीदा गया था।