जुबिली स्पेशल डेस्क
भारत सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर रोक लगाये जाने के बाद जी-7 देशों ने बेचैनी बढ़ गई और अब खुलकर भारत के इस कदम की आलोचना कर रहा है।
विदेशी मीडिया की माने तो भारत सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर रोक लगाये जाने के बाद सात औद्योगीकृत देशों के समूह के कृषि मंत्रियों ने शनिवार को भारत के इस कदम की निंदा की है।
जर्मन कृषि मंत्री केम ओजडेमिर ने स्टटगार्ट ने एक प्रेस वार्ता करके कहा कि अगर हर कोई निर्यात प्रतिबंध या बाजार बंद करना शुरू कर देगा, तो इससे संकट और खराब हो जाएगा।
आपको बता दें कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है। सरकार ने कहा है कि पहले ही जारी किए जा चुके लेटर ऑफ क्रेडिट के तहत गेहूं निर्यात की अनुमति रहेगी। रूस द्वारा यूक्रेन के जंग के बाद से काला सागर क्षेत्र से निर्यात में गिरावट के बाद वैश्विक खरीदार गेहूं की आपूर्ति के लिए भारत की तरफ लोग देख रहे थे।
अधिसूचना में कहा गया
भारतीय वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया, ‘देश की समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और पड़ोसी और अन्य कमजोर देशों की जरूरतों का समर्थन करने के लिए, केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
यह भी पढ़ें : विदेशी चंदा मामले में CBI के रडार पर हैं गृह मंत्रालय के अधिकारी
यह भी पढ़ें : जानिए कौन से दर्द में की जाती है गर्म या ठंडी सिकाई
To manage the overall food security of the country and to support the needs of the neighbouring and other vulnerable countries, the Central Government bans wheat exports with immediate effect. (1/2) pic.twitter.com/dB4tAViLNk
— ANI (@ANI) May 14, 2022
अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा दी गई अनुमति के आधार पर और सरकारों के अनुरोध के आधार पर निर्यात की अनुमति दी जाएगी।
यह भी पढ़ें : हिस्ट्रीशीटर की हत्या का राज़ खुला तो सन्न रह गई पुलिस
यह भी पढ़ें : शिवपाल-आज़म की मुलाक़ात क्या कोई नया गुल खिलायेगी
भारत सरकार पड़ोसी और अन्य कमजोर विकासशील देशों की खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो गेहूं के वैश्विक बाजार में अचानक बदलाव से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हैं और पर्याप्त गेहूं की आपूर्ति तक पहुंचने में असमर्थ हैं।’