Sunday - 27 October 2024 - 11:26 PM

‘इंडिया’ गठबंधन गूगल, फेसबुक से हुआ नाराज, दी ये चेतावनी?

जुबिली न्यूज डेस्क 

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया में शामिल पार्टियों ने सोशल मीडिया मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में उन्होंने सांप्रदायिक नफरत को बढ़ावा देने में उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की कथित भूमिका को लेकर विरोध दर्ज करवाया गया है. साथ ही कहा गया है कि वे आने वाले चुनावों में अपनी तटस्थता दिखाएं.

दरअसल, अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट में हाल ही में एक रिपोर्ट पब्लिश की गई. इसमें कहा गया कि फेसबुक, व्हाट्सऐप और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म कथित तौर पर सत्तारूढ़ बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की तरफ झुकाव रख रहे हैं. फेसबुक और व्हाट्सऐप का स्वामित्व मेटा के पास तथा यूट्यूब का स्वामित्व गूगल के पास है. इसके बाद ही इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों ने दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के सीईओ को चिट्ठी लिखी है.

खरगे ने शेयर की चिट्ठी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर जुकरबर्ग को लिखी चिट्ठी शेयर की है. इसमें कहा गया, ‘वाशिंगटन पोस्ट की विस्तृत जांच का हवाला देते हुए फेसबुक के सीईओ मार्क जुबरबर्ग को इंडिया दलों ने चिट्ठी लिखी है. इसमें बताया गया है कि किस तरह मेटा भारत में सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक नफरत भड़काने का दोषी है.

खरगे ने सुंदर पिचाई को लिखी चिट्ठी को भी एक्स पर शेयर किया है. इसमें कहा गया, ‘इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने वाशिंगटन पोस्ट की जांच के आधार पर गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को भी चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्हें बताया गया है कि किस तरह अल्फाबेट और खासतौर पर यूट्यूब भारत में सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देकर लोगों के बीच सांप्रदायिक नफरत को भड़का रहा है.

चिट्ठी में क्या कहा गया है? 

जुकरबर्ग को लिखी चिट्ठी में विपक्षी दलों ने कहा कि इंडिया भारत में 28 राजनीतिक पार्टियों का गठबंधन है. इनकी सरकारें 11 राज्यों में हैं. ये कुल मिलाकर भारत के आधे वोटर्स का प्रतिनिधित्व करता है. इसमें लिखा गया है कि आपको व्हाट्सऐप और फेसबुक के जरिए बीजेपी के सांप्रदायिक नफरत फैलाने अभियान के बारे में जानकारी होगी. वाशिंगटन पोस्ट ने बताया है कि किस तरह से बीजेपी समर्थकों के जरिए व्हाट्सऐप ग्रुप में नफरती कंटेट को सर्कुलेट किया जा रहा है.

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वहीं, पिचाई को लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि मौजूदा डेटा इस बात की ओर इशारा करते हैं कि गूगल का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब विपक्ष नेताओं की कंटेट को लोगों तक पहुंचने से रोक रहा है. वह सरकार के कंटेट को सर्कुलेट कर रहा है. विपक्षी दलों ने मांग की कि आने वाले चुनावों में तटस्थता सुनिश्चित की जानी चाहिए.

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