जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारत और श्रीलंका के बीच 18 मार्च को टी-20 मैच खेला जायेगा। यह मैच अटल बिहारी बाजपेई-इकाना स्टेडियम में खेला जाएगा। बीसीसीआई ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
मैच की तैयारी को लेकर शुक्रवार को बीसीसीआई प्रसारण टीम के प्रशांत ने अटल बिहारी बाजपेई-इकाना स्टेडियम का दौरा किया है। इकाना स्टेडियम के मीडिया प्रभारी गौरव ने बताया है कि बीसीसीआई प्रसारण टीम के प्रशांत करीब सुबह 10: 30 बजे करीब इकाना स्टेडियम पहुंचकर भारत और श्रीलंका मैच की तैयारियों का जायजा लिया है।
इस दौरान स्टेडियम का पूरा निरीक्षण किया है और करीब दो घंटे का समय बिताया है। इस दौरान बीसीसीआई प्रसारण टीम पूरी तरह से सकारात्मक नजर आई है। बीसीसीआई प्रसारण टीम के प्रशांत ने कैमरों की स्थिति को यहां पर परखा है। मीडिया प्रभारी गौरव के मुताबिक टीम पूरी तरह संतुष्ठ नजर आई है। निरीक्षण के दौरान प्रशांत बिष्ट ने एसोसिएशन से कैमरों की लोकेशन वाले स्थल की जांच की है।
उधर जानकारी मिल रही है कि अटल इकाना स्टेडियम में होने वाले मैच को लेकर बीसीसीआई की ब्राडकास्टिंग टीम कानपुर की तरह काइट कैम और लाइव ट्रेकिंग सिस्टम लगा सकती है। इस दौरान 35 हाईटेक कैमरों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
जानकारी मिल रही है कि इस बार भारत और श्रीलंका टी-20 मैच के रोमांच को दर्शकों तक पहुंचाने के लिए इकाना स्टेडियम में स्पाइडर कैमरे के साथ अत्याधुनिक तकनीक वाले कैमरे लगाने की योजना है।
इसका नतीजा यह रहेगा कि आप अपनी टीवी स्क्रीन पर आसानी से गेंद और बल्ले की बारीकी देख सकते हैं। बाउंड्री के पास बग्गी कैमरा व आसमान से ड्रोन कैमर में इकाना में लगाये जा सकते हैं।
इसकी मदद से मैच के प्रसारण को और अत्याधुनिक रूप दिया जा सकता है। बीसीसीआई से मिली जानकारी के अनुसार इकाना में बाउंड्री पर लगने वाले कैमरों को भी इस बार मानवरहित करने की योजना बनाई जा रही है।
इस पूरी व्यवस्था के लिए करीब-करीब 120 लोगों की टीम लगायी जा सकती है। इसके आलावा भारत श्रीलंका मैच के लिए स्पाइडर, ड्रोन व बग्घी कैमरे का प्रयोग किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है इकाना स्टेडियम मैच का नाजारा कुछ और होगा। इस नई तकनीक में मैदान के बाहर और अंदर पैनी नजर रखी जा सकती है। इतना ही नहीं आसमान काफी ऊंचाई तक इसमें कवर किया जा सकता है।
काइट कैम कैसे करता है काम
काइट कैम एक तरीके से ड्रोन कैमरे की तरह काम करता है। इसके तहत लाइव ट्रेकिंग हॉक आई से डाटा लेकर मैदान में प्रत्येक खिलाड़ी की लाइव पोजीशन किसी भी समय दिखायी जा सकती है।
ये एक तरीके से जीपीएस की तरह काम करता है। मैदान से काफी ऊंचाई पर ड्रोन कैमरे होते हैं जो पूरे मैच पर अपनी पैनी नजर रखते हैं। इस दौरान कुल 35 कैमरे लगे होते हैं। इसमें से 19 कैमरे पूरी तरह से स्थायी होंगे। इन सभी कैमरों व उनसे मिलने वाले व्यू को सेटेलाइट से लोगों के घरों तक पहुंचाया जा सकता है।
इस पूरी प्रक्रिया में करीब 120 लोगों की टीम लगी होती है। जानकारों की माने तो ड्रोन और स्पाइडर कैमरे मुख्य स्क्रीन पर एआर व वीआर को दर्शायेंगे जबकि बग्घी व स्पाइडर कैमरे पूरी तरह रिमोर्ट आपरेटिंग की तरह काम करेंगे।
बीसीसीआई इकाना स्टेडियम को बड़े क्रिकेट सेंटर के तौर पर देख रहा है। इससे पहले वर्ष 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत ने यहां टी-20 मुकाबला खेला था। इसके अलावा इकाना स्टेडियम को सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्राफी के मैचों की भी मेजबानी कर चुका है।