जुबिली न्यूज़ डेस्क
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में वन क्षेत्र बढ़ना दुनिया के लिए शुभ समाचार है। शिवराज आज प्रशासन अकादमी में आयोजित मुख्य वन संरक्षक एवं वन मंण्डलाधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि वन क्षेत्र में नवाचार बढ़ाने की आवश्यकता है। भोपाल में वन विहार अपने आप में एक बड़ी सौगात है।
इसे ऐसे मॉडल के रूप में विकसित करें कि सिंगापुर से भी लोग नाइट सफारी के लिए यहाँ आएं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के इस दौर में यह मनुष्य ही नहीं, प्राणी मात्र की रक्षा के लिए आवश्यक है। प्रदेश में वन क्षेत्र बढ़ना दुनिया के लिए शुभ समाचार है।
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#Bhopal में समस्त वन मंडल अधिकारियों की एक दिवसीय समीक्षा बैठक एवं कार्यशाला।https://t.co/ffbUZukcfG
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) February 17, 2021
उन्होंने कहा कि जनता की सेवा और पर्यावरण संरक्षण वन सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों का दायित्व है। वन क्षेत्र में रह रहे लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहना जरूरी है। सभी पात्र व्यक्तियों को बिना किसी परेशानी के वनाधिकार अधिनियम के तहत पट्टे प्राप्त हों।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने की जितनी जिम्मेदारी वनवासियों की है, उतनी ही अन्य लोगों की भी है। वनवासियों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो। वन क्षेत्र में सक्रिय विभिन्न माफिया पर सख्त कार्यवाही जरूरी है। वन क्षेत्र में हो रहे नए कब्जों को रोका जाए।
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इस अवसर पर उन्हाेंने कहा कि वन क्षेत्र का विस्तार जनता के सहयोग से ही हुआ है। इसमें वन समितियों का कार्य सराहनीय है। झाबुआ इसकी मिसाल है।कृषि वानिकी को बढ़ाने की आवश्यकता है। इन्दौर में कार्बन क्रेडिट की दिशा में समाज के स्तर पर हुए कार्य की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj भोपाल स्थित प्रशासन अकादमी में समस्त वन मंडल अधिकारियों की एक दिवसीय समीक्षा बैठक एवं कार्यशाला में वनमंत्री श्री विजय शाह के साथ भाग ले रहे हैं। pic.twitter.com/VdhVli4DGK
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) February 17, 2021
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उन्होंने कहा कि अपनी जमीन पर लगे पेड़ों के उपयोग के संबंध में नियमों के सरलीकरण की जरूरत है। वनाधारित गतिविधियों और वनोपज के विक्रय में रोजगार के अवसर बढ़ाने की आवश्यकता है। कोरोना काल में वन औषधियों का महत्व बढ़ा है। हमें वन क्षेत्र से लकड़ी के अलावा और किन-किन गतिविधियों से आय हो सकती है, इस पर विचार करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन अमले की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित की जाएगी। प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वन का योगदान दो प्रतिशत है। इसे बढ़ाकर हमें पांच प्रतिशत करना है। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए निर्धारित रोडमैप के तहत वन विभाग से संबंधित लक्ष्यों को समय-सीमा में पूरा करने की आवश्यकता है।
उन्होंने स्थानीय जलवायु के अनुसार प्राकृतिक रूप से लगने वाली वृक्ष प्रजातियों को वृक्षारोपण में महत्व देने की आवश्यकता बताई। इस कार्यशाला में वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राजेश श्रीवास्तव उपस्थित रहे।
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