जुबिली न्यूज डेस्क
देहरादून. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आई है। यहां विपक्षी खेमे में भगदड़ मची हुई है। 18 जुलाई को देश के राष्ट्रपति चुनाव लिए हुई वोटिंग के दौरान एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने की खबर के बाद अब प्रदेश में कांग्रेस के नेताओं से जवाब देते नहीं बन रहा है। इस खबर के बाद राज्य में बीजेपी उस ‘अज्ञात क्रॉस वोटर’ का आभार जता रही है, वहीं सवाल ये उठता है कि आखिर वो कौन से विधायक हैं, जिन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के पक्ष में वोट नहीं डाला।
द्रौपदी मुर्मू को मिले 51 वोट
इस सवाल का जवाब जानने के लिए कांग्रेस की तरफ से किस तरह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है? इससे पहले आपको विधानसभा का गणित आपको समझना पड़ेगा। 70 विधानसभा सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा में बीजेपी के 47 और कांग्रेस के 19 विधायक हैं। इनके अलावा, यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल और खानपुर विधायक उमेश कुमार यानी दो निर्दलीयों ने पहले ही एनडीए उम्मीदवार को समर्थन दे दिया था।वहीं बसपा के 2 विधायकों ने भी मुर्मू के पक्ष में वोटिंग की। गणित यह हुआ कि बीजेपी के 47 और अन्य 4 यानी 51 सदस्यों के वोट मुर्मू के समर्थन में थे।
कैसे गड़बड़ाई विपक्ष की गणित
दरअसल 18 जुलाई को वोटिंग के दिन स्वास्थ खराब होने के कारण कैबिनेट मंत्री चंदनराम दास वोटिंग नहीं कर सके। यानी मुर्मू के समर्थन में 51 की जगह 50 वोट होने चाहिए थे। इसके बाद जब कांग्रेस के भी दो विधायकों राजेंद्र भंडारी और तिलकराज बेहड़ ने भी वोटिंग नहीं की, फिर भी 17 में से 15 वोट ही यशवंत सिन्हा के पक्ष में पड़े और मुर्मू के पक्ष में 51। आखिरकार विपक्ष की गणित कहा गड़बड़ गई।
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