जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. माफिया सरगना मुख़्तार अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. मुख्तार अंसारी पर आरोप है कि उन्होंने अपराधियों को शस्त्र लाइसेंस दिलाने के लिए संस्तुति दी. बाद में उन लाइसेंसी असलहों का इस्तेमाल आपराधिक वारदात में किया गया. अदालत में दाखिल चार्जशीट में मुख्तार अंसारी को भी अपराध में लिप्त बताया गया.
जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की अदालत में मुख्तार अंसारी की तरफ से कहा गया कि वह वर्ष 1996 से 2022 तक लगातार उत्तर प्रदेश की मऊ सीट से विधायक निर्वाचित होते रहे हैं. विधायक होने के नाते वह तमाम मामलों में संस्तुतियां दिया करते थे. शस्त्र लाइसेंस देने का अधिकार जिला मजिस्ट्रेट का होता है. लाइसेंस से पहले पुलिस वैरीफिकेशन होता है. तमाम जांच पड़ताल के बाद लाइसेंस दिया जाता है. ऐसे में लाइसेंसी हथियार से अपराध हो जाता है तो उसमें लाइसेंस की संस्तुति करने वाला अपराध में लिप्त कैसे हो सकता है.
मुख्तार अंसारी इन दिनों बांदा जेल में बंद हैं. मुख्तार वर्ष 2005 से लगातार जेल में हैं. उनके खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट समेत विभिन्न न्यायालयों में तमाम मुकदमे लंबित हैं.
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