- मध्य प्रदेश में शिशु मृत्यु दर सबसे ज़्यादा, केरल में सबसे कम
जुबिली न्यूज डेस्क
मध्य प्रदेश को एक मामले में केरल से सीखने की जरूरत है। यह मामला है शिशु मृत्यु दर। भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के नए आंकड़ों के मुताबिक जहां मध्य प्रदेश में शिशु मृत्यु दर सबसे ज्यादा है तो वहीं केरल में सबसे कम है। इस प्रदेश में हर 1,000 शिशुओं में से 48 की मौत हो जाती है, जबकि केरल में यह दर प्रति हजार शिशुओं पर सात है।
भारत में शिशु मृत्यु दर में मामूली सुधार हुआ है। साल 2017 में यह प्रति हजार पर 33 थी, जो 2018 में 32 हो गई है।
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मध्य प्रदेश में शिशु मृत्यु दर 2018 में सबसे ज्यादा प्रति हजार शिशुओं पर 48 रही, जबकि केरल में यह सबसे कम है जहां हर 1,000 शिशुओं में से सिर्फ सात की मौत हुई।
मध्य प्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ में मृत्यु दर सबसे ज्यादा 8 है, जबकि दिल्ली में मृत्यु दर 3.3 है। बिहार में जन्म दर सबसे ज्यादा 26.2 है जबकि अंडमान और निकोबार में जन्म दर 11.2 है।
यह आंकड़े रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त ने अपने नमूना पंजीकरण प्रणाली बुलेटिन में जारी किए हैं जो 2018 के लिए इक_ा की गई जानकारी पर आधारित हैं। दर की गणना प्रति 1000 की आबादी पर की जाती है।
भारत में 40 साल में मृत्यु दर में काफी कमी आई है और यह 1971 में 14.9 थी जो 2018 में 6.2 पर आ गई। यह गिरावट ग्रामीण इलाकों में ज्यादा है।
पिछले दशक की तुलना में भारत की मृत्यु दर 7.3 से गिरकर 6.2 हो गई है। इस अवधि में ग्रामीण क्षेत्र में मृत्यु दर 7.8 थी जो 6.7 पर आ गई और शहरी इलाकों में 5.8 थी जो 5.1 पर आ गई।
भारत की जन्म दर में पिछले चार दशक में जबर्दस्त गिरावट आई है। 1971 में जन्म दर जहां 36.9 थी, वहीं 2018 में 20.0 हो गई है।
पिछले चार दशकों में शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में जन्म दर लगातार अधिक रही है। पिछले दशक की तुलना में जन्म दर में लगभग 11 फीसदी की गिरावट आई है, जो 2009 में 22.5 से 2018 में 20.0 हो गई।
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