- पांच एक्सप्रेसवे के जरिए पूरे प्रदेश को जोड़ रही सरकार
लखनऊ। किसी भी राज्य की तरक्की उसके बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर से होती है। जिस राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी की सुविधा बेहतर होगी, वहां उतने ही बड़े पैमाने पर निवेश आता है और बड़े पैमाने पर रोजगार के साधन उत्पन्न होते हैं।
इसी सोच के तहत बुधवार को प्रदेश सरकार द्वारा विधान सभा सदन में पेश किए गए अनुपूरक बजट में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और बलिया लिंक एक्सप्रेसवे के लिए भी बजटीय प्रबंध किया गया है।
सूबे की सरकार का मत है कि यूपी के सबसे पिछड़े कहे जाने वाले बुंदेलखंड की लाइफलाइन साबित होगा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे। इसके आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेसवे से जुडऩे के कारण बुंदेलखंड के लोगों के लिए दिल्ली तक सफर सुगम हो जाएगा।
वहीं 15 किलोमीटर लंबे तथा फोर लेन वाले बलिया लिंक एक्सप्रेस वे के बन जाने से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के जरिए बलिया के लोगों के लिए देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी लखनऊ जाने का समय आधा हो जाएगा।
गौरतलब है कि सूबे में योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता में आने से पहले यूपी में केवल दो एक्सप्रेस वे ही मौजूद थे और अब 340 किलोमीटर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य पूरा होने को है, जबकि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है।
इसके अलावा बलिया लिंक एक्सप्रेस वे और गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य जल्दी ही शुरू होगा। मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाली गंगा एक्सप्रेस वे के लिए 6000 हेक्टेयर से अधिक ( 88 फीसद) भूमि खरीद ली गई है।
जल्द ही इसके निर्माण का काम भी शुरू होगा। 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेस वे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से गुजरते हुए प्रयागराज पर खत्म होगा। यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे होगा। मात्र चार वर्षों में इतने एक्सप्रेस वे के राज्य में निर्माण की योजना में कार्य होने से जल्दी ही यूपी एक्सप्रेस वे प्रदेश के रूप में जाना जाएगा।
यहीं नहीं राज्य में बन रहे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के पूरा होने से कृषि, वाणिज्य, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार की मंशा हर एक्सप्रेसवे के किनारे औद्यौगिक गलियारा बनाने की है।
इनमें स्थापित होने वाले शिक्षण संस्थान और उत्पादन इकाइयों के नाते स्थानीय स्तर पर रोजी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। जिस बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण को पूरा करने के लिए बजटीय प्रावधान प्रबंध किया गया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 फरवरी 2020 को चित्रकूट से इसका शिलान्यास किया था।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की लंबाई 296 किलोमीटर है। ये एक्सप्रेसवे चित्रकूट से प्रारंभ होकर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर इटावा में खत्म होगा। इसके आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ने के कारण बुंदेलखंड के लोगों के लिए दिल्ली तक सफर सुगम हो जाएगा।
इसी प्रकार चार लेन वाले बलिया लिंक एक्सप्रेस वे की लंबाई 15 किलोमीटर होगी। इसके निर्माण में करीब 1500 करोड़ रुपये की लागत आएगी। एलाइनमेंट का काम पूरा हो चुका है।
यह सड़क गाजीपुर के कासिमाबाद स्थित पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से शुरू होकर बलिया तक जाएगी। इसके बन जाने से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के जरिए बलिया के लोगों के लिए देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी लखनऊ जाने का समय आधा हो जाएगा।
समय के साथ संसाधन भी बचेगा। इसी तरह काशी और अन्य प्रमुख शहरों को जाने में भी समय और संसाधन बचेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं कि सभी एक्सप्रेसवे के किनारे जरूरत के अनुसार औद्योगिक गलियारे और जरूरत के अनुसार नई टाऊनशिप बसाई जाएगी। इस सबका लाभ भी बलिया को भी मिलेगा।