जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। लोकसभा चुनाव समाप्त होते ही एक बार फिर रिवर फ्रंट घोटाले का जिन्न बाहर आ गया है। ईडी ने इस घोटाले में एक बार फिर पूछताछ की कवायद शुरू कर दी है। ईडी ने सिंचाई विभाग के कुछ अधिकारियों को नोटिस भेजकर 10 जुलाई से दोबारा पूछताछ में सहयोग करने का निर्देश दिया है।
इस मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है। मालूम हो कि सपा सरकार में हुए रिवर फ्रंट घोटाले में कई बड़े अफसरों के साथ नेताओं की भी जांच शुरू हुई थी। जनवरी में ईडी ने दिल्ली व लखनऊ समेत 5 ठिकानों पर छापेमारी की थी। रिवर फ्रंट का काम दो कंपनियों को दिया गया था। इसमें एक कंपनी गैमन इंडिया लिमिटेड तो दूसरी कंपनी के.के.स्पून थी।
10 जुलाई को सिंचाई विभाग के अफसरों को ईडी ने तलब किया
ED ने अपने प्रारम्भिक जांच में पाया कि इन कंपनियों को बिना योग्यता पूरा किये ही टेंडर दिया गया था। इसमें गैमन इंडिया को 665 करोड़ रुपये के दो ठेके दिये गये थे, लेकिन इस कंपनी को भुगतान कई गुना ज्यादा किया गया।
यही नहीं दूसरी कंपनी के.के. स्पून को ठेका पहले दिया गया और सिंचाई विभाग में इसका पंजीकरण बाद में हुआ था। इन कंपनियों को बड़े पैमाने पर भुगतान किया गया।
के.के.स्पून रिवर फ्रंट के काम पाने के लिए बेसिक योग्यता भी पूरी नहीं कर पा रही थी, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पूरी तरह से मनमानी करते हुए इन दोनों कंपनियों को एक तरह से खुलेआम खेलने की छूट दे रखी थी।
ईडी ने इसके पहले 24 जनवरी को लखनऊ के गोमतीनगर समेत कई स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें कई आपत्तिजनक वस्तुएं एवं प्रपत्र मिले हैं। अब ईडी ने इस मामले में 10 जुलाई को फिर पूछताछ के लिए बुलाया है।