किसी प्रीतम के दर्द में,ये साहिर की लिखावट है….!!
ये सितारों की रौशनी से,आसमाँ में जो सजावट है|
मेरे हसरतों की मौत है, रुसवाइयों की आहट है||
उल्फ़त के अदब में हर्फ़,कभी मिट ही नहीँ सकते|
किसी प्रीतम के दर्द में,ये साहिर की लिखावट है||
इश्क़ हो,दिल जख़्मी न हो,मुमकिन ही नहीँ है|
आग के दरिया में डूबने की, आदम से रवायत है||
लहू का रिश्ता होगा,मोहब्बत से सियासत का|
इसमें नफ़रत,दहशत, साजिश की मिलावट है||
अश्क़ों को दिल के कोने में महफूज़ रखना रवि|
मजनू की जागीर है,किसी लैला की अमानत है||