Saturday - 2 November 2024 - 6:05 PM

चुनाव के अंतिम चरण में अय्यर ने कांग्रेस की बढ़ाई मुश्किलें

न्यूज डेस्क

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है। अभी सैम पित्रोदा के विवादित बयान का मामला ठंडा हुआ नहीं कि कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।

मणिशंकर अय्यर ने एक आर्टिकल में पीएम मोदी के लिए दिए गए अपने विवादित बयान को को सही ठहराया है। उन्होंने पूछा है कि क्या अब पीएम मोदी को सुनकर मेरी भविष्यवाणी सही लग रही है? 2017 में अय्यर ने पीएम मोदी के लिए ‘नीच’ शब्द का इस्तेमाल किया था।

कांग्रेस ने बयान से झाड़ा पल्ला

मणिशंकर अय्यर के बयान से कांग्रेस ने एक बार फिर पल्ला झाड़ लिया है और इसे उनका निजी विचार बताया है। लेकिन बीजेपी हमलावर हो गई है। बीजेपी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को घेर रही है।

कांग्रेस पर बीजेपी के हमले  बाद भी अय्यर ने अपने लेख पर सफाई देने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि पूरे आर्टिकल में से एक लाइन निकाल कर उस पर प्रतिक्रिया मांगना सही नहीं है। मैं आपके खेल में नहीं फंसने वाला। मैं उल्लू हूं, लेकिन इतना बड़ा उल्लू नहीं।

2017 गुजरात चुनाव में अय्यर ने मोदी को कहा था ‘नीच’

मणिशंकर अय्यर ने 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी को ‘नीच किस्म का आदमी’ कहा था। अय्यर के बयान पर कांग्रेस बैकफुट पर आ गई थी। गुजरात से लेकर पूरे देश में इसकी आलोचना हुई थी, जिस पर कांग्रेस ने अय्यर को पार्टी की सदस्यता से सस्पेंड कर दिया था। हालांकि 2018 में उन्हें निलंबन खत्म कर दिया गया।

अय्यर के लेख से शुरु हुआ बवाल

मणिशंकर अय्यर ने एक लेख में मौजूदा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी के बयानों का जिक्र करते हुए लिखा है -‘याद है मैंने 2017 में मोदी को क्या कहा था? क्या मैंने सही भविष्यवाणी की थी?’

अय्यर ने इस लेख में पीएम मोदी के बालाकोट हमले के वक्त बादलों से लड़ाकू विमानों को फायदा पहुंचने वाले बयान का भी जिक्र किया है। साथ ही उनकी शिक्षा पर सवाल उठाते हुए ‘भगवान गणेश की प्लास्टिक सर्जरी’ और उड़न खटोलों से प्राचीन विमान बताने वाले बयानों को अज्ञानता भरे दावे करार दिया है।

मैं मीडिया का शिकार हुआ- अय्यर

अय्यर से जब उनके ताजा लेख के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दरअसल वो मीडिया के शिकार हुए हैं। उन्हें बहुत नुकसान हुआ है। उनके मुताबिक पूरे लेख के बजाय एक लाइन पर सवाल उठाना सही नहीं है।

उन्होंने ये भी कहा -जब मैं 6 साल का था तब जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बने। जब मैं 23 साल का हुआ तो उनका निधन हो गया। मैंने राजनीति उस जमाने में सीखी। उस वक्त और आज की सरकार जो माहौल बना रही है उसमें बहुत बड़ा फर्क है।

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