Monday - 28 October 2024 - 1:43 PM

पांचवें चरण के चुनाव में सभी दलों ने जताया आपराधिक छवि के लोगों पर भरोसा

जुबिली न्यूज़ ब्यूरो

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव तीन चरण का सफ़र तय कर चुका है. 23 फरवरी को चौथे चरण का मतदान होना है. सभी राजनीतिक दल चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं. पहले चार चरणों की तरह से पांचवें चरण में भी आपराधिक मुकदमे वाले उम्मीदवारों का बोलबाला है. सभी राजनीतिक दलों ने आपराधिक मुकदमे वाले उम्मीदवारों पर भरोसा किया है.

उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच और एसोसियेशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (ADR) ने पांचवें चरण की 61 सीटों के लिए नामांकन करने वाले 693 उम्मीदवारों में से 685 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का अध्ययन किया तो यह बात साफ़ हो गई कि किसी भी राजनीतिक दल को यह फ़िक्र नहीं है कि राजनीति में साफ़-सुथरी छवि वाले लोग आयें. सभी राजनीतिक दलों की प्राथमिकता जिताऊ उम्मीदवार को तलाशकर चुनाव मैदान में उतारने की है.

61 सीटों के लिए चुनाव मैदान में उतरे सभी उम्मीदवारों की बात करें तो 27 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. गंभीर आपराधिक मुकदमों की बात करें तो 21 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.

आपराधिक छवि के उम्मीदवारों को टिकट देने वाले राजनीतिक दलों की बात करें तो पांचवें चरण में समाजवादी पार्टी के 59 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इनमें से 42 यानि 71 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं. अपना दल (सोनेलाल) ने सात उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं तो उनमें से चार के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. अपना दल ने 57 फीसदी ऐसे उम्मीदवारों पर भरोसा किया जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं.

भारतीय जनता पार्टी ने 52 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. इनमें से 25 के खिलाफ आपराधिक मुकदमे हैं. मतलब बीजेपी के 48 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ अपराधिक मुकदमे हैं. बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस दोनों ने सभी 61 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. दोनों ही राजनीतिक दलों के 23-23 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मुक़दमे हैं. मतलब आपराधिक उम्मीदवारों के चयन के मामले में कांग्रेस और बसपा दोनों ने ही 38 फीसदी दागी उम्मीदवारों पर भरोसा किया है. राजनीति में ईमानदारी की बात करने वाली आम आदमी पार्टी ने 52 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं लेकिन इनमें भी 10 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. आम आदमी पार्टी के 19 फीसदी आपराधिक छवि के हैं.

गंभीर आपराधिक मामलों की बात करें तो समाजवादी पार्टी के 49 फीसदी, अपना दल सोनेलाल के 29 फीसदी, बीजेपी के 42 फीसदी, बसपा और कांग्रेस के 28-28 फीसदी और आम आदमी पार्टी के 14 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मुक़दमे चल रहे हैं.

पांचवें चरण के उम्मीदवारों में सुल्तानपुर की इसौली सीट से बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार यश भद्र सिंह के खिलाफ 21 अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इनके खिलाफ पुलिस ने 26 गंभीर धाराएं लगाई हैं.

प्रयागराज की इलाहाबाद उत्तर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार संदीप यादव के खिलाफ 35 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इनके खिलाफ पुलिस ने 24 गंभीर धाराएं लगाई हैं. बहराइच के पयागपुर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे मुकेश श्रीवास्तव के खिलाफ नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं लेकिन इनके खिलाफ 21 गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं.

पांचवें चरण के चुनाव में 12 उम्मीदवारों के खिलाफ महिलाओं पर अत्याचार के मामले हैं. एक उम्मीदवार पर बलात्कार का केस भी दर्ज है. आठ उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या और 31 के खिलाफ हत्या का प्रयास के केस दर्ज हैं. पांचवें चरण के 61 निर्वाचन क्षेत्रों में से 39 निर्वाचन क्षेत्रों को संवेदनशील माना गया है क्योंकि इन क्षेत्रों में तीन या इससे अधिक उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मुक़दमे हैं.

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