जुबिली न्यूज डेस्क
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज पुण्यतिथि है। पूरा देश उनको याद कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
अपने पिता की 31वीं पुण्यतिथि पर राहुल गांधी ने ट्वीट करके उन्हें याद करते हुए लिखा है कि उनके पिता दूरदर्शी नेता थे, जिनकी नीतियों ने आधुनिक भारत को आकार देने में मदद की। वो एक दयालु और उदार शख्सियत थे। वो मेरे और प्रियंका दोनों के लिए एक अद्भुत पिता थे, जिन्होंने हमें क्षमा और सहानुभूति का मूल्य सिखाया। मुझे उनकी बहुत याद आती है…’
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी अपनी सौम्यता की वजह से जाने जाते थे। उनकी सौम्यता सभी को आकर्षित करती थी। ऐसा ही कुछ राजीव गांधी की पत्नी व कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी 3 साल पहले उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हुए कहा था।
सोनिया गांधी ने कहा था कि सौम्यता, सहजता और सरलता इन तीनों के सम्मिश्रण थे राजीव गांधी। जो भी राजीव गांधी से मिला वह उनके इन तीनों गुणों का मुरीद हो गया। आज भी राजीव के जानने वाले लोग उनकी की बात करते है तो सबसे पहले उनके इन्हीं गुणों को याद करते हैं। राजीव गांधी में बहुत सारी खूबिया थी।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में सोनिया गांधी ने राजीव के बारे में खूब बातें की थी। वो कैसे राजनेता थे, इसके बारे में सोनिया ने ज्यादा बताया था।
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राजनीतिक हालात पर चिंता जताते हुए सोनिया गांधी ने कहा था कि 1984 में राजीव गांधी को विशाल बहुमत मिला था, लेकिन उन्होंने इस ताकत का इस्तेमाल लोगों में डर का माहौल बनाने या डराने-धमकाने , संस्थाओं की स्वतंत्रता को नष्ट करने के लिए नहीं किया, असहमति और मुख्तलिफ नजरियों को कुचलने के लिए नहीं किया, लोकतांत्रिक परंपरा और जीवनशैली के लिए खतरा पैदा करने के लिए नहीं किया।
सोनिया ने कहा कि 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दोबारा पूरे बहुमत से अकेले जीत कर नहीं आ सकी, तो राजीव जी ने गरिमा और विनम्रता के साथ जनादेश स्वीकार किया।
उन्होंने कहा था कि आज की पीढ़ी को मैं बताना चाहती हूं कि सबसे बड़ा राजनीतिक दल होने के बावजूद राजीव जी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया। क्यों नहीं किया ! क्योंकि इसके लिए उनके आंतरिक नैतिक बल, उनकी उदारता और ईमानदारी ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया।’
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राजीव को याद करते हुए सोनिया ने कहा था कि ‘आज के दौर में ये कोई नहीं कर सकता है जैसा राजीव जी ने किया, राहुल (अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर) ने किया। राजीव का ही प्रयास था कि देश के 18 साल के युवाओं को मतदान का अधिकार मिला। राजीव की प्रतिबद्धता थी कि पंचायतों और नगर निकायों को संवैधानिक दर्जा मिले।
सोनिया ने कहा था कि राजीव गांधी ने कंप्यूटर और दूरसंचार क्रांति का संकल्प लिया और छोटे से समय में उसे पूरा करके दिखाया। राजीव गांधी मजबूत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प रखते थे। राजीव जी ने प्रधानमंत्री के तौर पर देश के कोने-कोने तक जाकर यह संदेश दिया कि भारत की विविधता का उत्सव मनाकर ही देश को मजबूत बना सकते हैं।
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