जुबिली न्यूज डेस्क
मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी सुकमावती सुकर्णोपुत्री ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार 69 साल की सुकमावती के धर्म परिवर्तन के लिए बाली के सुकर्णो सेंटर हेरिटेज एरिया में एक पारंपरिक कार्यक्रम किया गया, इसमें सुधी वदानी प्रक्रिया के जरिए सुकमावती हिंदू धर्म में शामिल हुईं।
बताते चलें कि सुकमावती सुकर्णोपुत्री के इस फैसले से देशभर में हैरानी जताई जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, सुकमावती के हिंदू धर्म अपनाने के पीछे उनकी दिवंगत दादी इदा आयु न्योमन राय श्रीम्बेन का काफी अहम योगदान बताया जा रहा है।
गौरतलब है कि इंडोनेशियन नेशनल पार्टी की संस्थापक सुकमावती ने कांजेंग गुस्ती पांगेरन आदिपति आर्य मंगकुनेगरा ढ्ढङ्ग से विवाह किया था लेकिन 1984 में दोनों अलग गए थे।
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सुकर्णो की तीसरी बेटी सुकमावती इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति मेगावती सुकर्णोपुत्री की छोटी बहन हैं। हिंदू धर्म में शामिल होने को लेकर सुकमावती के वकील ने कहा कि उन्हें हिंदू धर्म की अच्छी जानकारी है। सुकमावती हिंदू धर्मशास्त्र के सभी नियमों और अनुष्ठानों की भी समझ रखती हैं।
जब मांगनी पड़ी थी सुकमावती को माफी
एक कविता को लेकर साल 2018 में सुकमावती पर इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगा था, जिसके चलते उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी थी।
कविता को लेकर इंडोनेशिया के कट्टरपंथी मुस्लिम समूहों ने उनका विरोध किया और ईशनिंदा का केस दर्ज करा दिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुकमावती ने मामला बढ़ता देख माफी मांग ली थी।
उन्होंने कहा था कि मैं इंडोनेशिया के सभी मुस्लिमों से, जिन्हें इस कविता से दुख पहुंचा है, उनसे माफी मांगती हूं।
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मालूम हो कि सुकमावती पिछले 20 सालों से हिंदू धर्म में अपनी रुचि रख रहीं थी। इस दौरान उन्होंने बाली के प्रमुख मंदिरों का दौरा भी किया और रामायण और महाभारत जैसे भारतीय महाकाव्यों को भी पढ़ा।
मालूम हो कि इंडोनेशिया में सबसे अधिक इस्लाम के मानने वाले हैं, लेकिन इंडोनेशिया के छह आधिकारिक धर्मों में हिंदू धर्म भी शामिल है।
हिंदुओं की चौथी सबसे बड़ी आबादी भारत, नेपाल और बांग्लादेश के बाद इंडोनेशिया में रहती है। इस देश में कई हिंदू मंदिर भी हैं और लोग यहां दूर-दूर से पूजा-अर्चना करने आते हैं।