न्यूज़ डेस्क
चीन के विवादास्पद प्रत्यर्पण विधेयक के खिलाफ हांगाकांग में लाखों लोग सड़क पर उतर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। रोष मार्च में लगभग 20 लाख लोग शामिल हुए। इस बीच प्रदर्शन के दौरान एक एम्बुलेंस को रास्ता देने का दिल को छू लेने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
The logical Indian के इस वीडियो को रजत जैन नामक भारतीय ने फेसबुक पर शेयर करते हुए भारत के प्रदर्शनकारी लोगों को इससे कुछ सीख लेने की नसीहत दी है। वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रदर्शन के दौरान जुटे लाखों लोग रोष के बावजूद इंसानियत के नाते किस तरह एक एम्बुलेंस के लिए रास्ता छोड़ देते हैं। इस वीडियो को अब तक कम से कम 2 लाख से ज्यादा बाद देखा जा चुका है।
रजत जैन ने अपनी पोस्ट में लिखा, ” क्या हम हांगकांग के लोगों से कुछ सीख सकते हैं। यदि हम इससे सीख लेते लेते हैं, तो हम निश्चित रूप से अपने जीवनकाल में कम से कम एक जीवन बचाएंगे। कोई भी परिस्थिति हो कृपया एम्बुलेंस को रास्ता दें। सब कुछ इंतजार कर सकता है … लेकिन रोगी का जीवन सबसे महत्वपूर्ण है। ”
Around 2 Million Hong Kong Protesters Halt & Make Way For An Ambulance
The protesters opposing the extraditions bill to China brought traffic to a standstill in parts of central Hong Kong on June 16. However, the protesters made a way when an ambulance approached the crowd.
Gepostet von The Logical Indian am Montag, 17. Juni 2019
क्यों हो रहा है प्रत्यर्पण कानून का विरोध?
इस कानून के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपराध करके हांगकांग आ जाता है को उसे जांच प्रक्रिया में शामिल होने के लिए चीन भेज दिया जाएगा। हांगकांग की सरकार इस मौजूदा कानून में संशोधन के लिए फरवीर में प्रस्ताव लाई थी। कानून में संशोधन का प्रस्ताव एक घटना के बाद लाया गया जिसमें एक व्यक्ति ने ताइवान में अपनी प्रमिका की कथित तौर पर हत्या कर दी और हांगकांग वापस आ गया।
गौरतलब है कि हांगकांग चीन का एक स्वायत्त द्वीप है। चीन इसे अपने संप्रभु राज्य का हिस्सा मानता है। वहीं हांगकांग की ताइवान के साथ कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है। जिसके कारण हत्या के मुकदमे के लिए उस व्यक्ति को ताइवान भेजना मुश्किल है। अगर ये कानून पास हो जाता है तो इससे चीन को उन क्षेत्रों में संदिग्धों को प्रत्यर्पित करने की अनुमति मिल जाएगी, जिनके साथ हांगकांग के समझौते नहीं हैं।
जैसे संबंधित अपराधी को ताइवान और मकाऊ भी प्रत्यर्पित किया जा सकेगा। हांगकांग के लोग इस कानून का जमकर विरोध कर रहे हैं। वो सरकार द्वारा कानून को निलंबित किए जाने के बाद भी नहीं थम रहे, उनका कहना है कि इसे पूरा तरह से खत्म कर दिया जाए।
ऐसा इसलिए क्योंकि इन लोगों का मानना है कि अगर ये कानून कभी भी पास होता है तो हांगकांग के लोगों पर चीन का कानून लागू हो जाएगा। जिसके बाद चीन मनमाने ढंग से लोगों को हिरासत में ले लेगा और उन्हें यातनाएं देगा।