Friday - 25 October 2024 - 7:59 PM

2019 में चिदंबरम समेत कई बड़े नेताओं के लगे कोर्ट में चक्कर

न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली। दिल्ली की अदालतों के लिए साल 2019 गहमागहमी भरा रहा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम तथा डी.के. शिवकुमार से लेकर उन्नाव बलात्कार प्रकरण के चलते भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के मामलों की सुनवाई हुई।

यह साल वकीलों और पुलिस के बीच टकराव को लेकर भी खबरों में रहा। इनके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा, ब्रजेश ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे अकबर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी और फोर्टिस हेल्थकयर के पूर्व प्रमोटर मलविंदर एवं शिविंदर सिंह के नाम भी शामिल हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में 105 दिन तक हिरासत में रहने के बाद चार दिसंबर को जमानत मिली और वह जेल से बाहर आए। यह मामला प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किया था।

सीबीआई ने 74 वर्षीय चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। तब से वह हिरासत में थे। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें 16 अक्तूबर को गिरफ्तार किया था।

कर्नाटक में सात बार विधायक रहे 57 वर्षीय शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए के तहत कथित अपराधों के आरोप में तीन सितंबर को गिरफ्तार किया। उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 अक्तूबर को जमानत दी।

दिल्ली की एक अदालत ने धनशोधन के एक मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को अग्रिम जमानत देते हुए उन्हें अन्य शर्तों के साथ पूर्व अनुमति लिए बिना देश न छोड़ने का आदेश दिया।

साल 2017 में एक नाबालिग लड़की के साथ उन्नाव में बलात्कार करने के मामले में दिल्ली की अदालत ने भाजपा से निष्कासित विधायक सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कहा कि उन्हें ताउम्र जेल में रहना होगा। सेंगर पर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।

बिहार के मुजफ्फरपुर आश्रय गृह में कई लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न का मामला सात फरवरी को मुजफ्फरपुर की एक स्थानीय अदालत से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली के साकेत जिला अदालत परिसर की एक पोक्सो अदालत में स्थानांतरित हुआ।

मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर द्वारा संचालित इस आश्रय गृह में कथित यौन उत्पीड़न के मामले में सुनवाई अदालत ने अपना फैसला 14 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया है।

जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा अन्य पर 2016 में भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने इस साल आरोपपत्र दाखिल किया। लेकिन यह मामला आगे नहीं बढ़ पाया क्योंकि पुलिस कुमार के खिलाफ मुकद्दमा चलाने के लिए आवश्यक अनुमति नहीं ले पाई।

2 नवंबर को तीस हजारी अदालत परिसर में दिल्ली पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान हुई हिंसा में कम से कम 20 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए। इसके विरोध में सभी छह जिला अदालतों के वकीलों ने हड़ताल कर दी जो लगभग दो हफ्ते चली।

4 नवंबर को साकेत जिला अदालत परिसर में वकीलों ने पुलिस पर कथित तौर पर हमला किया। दोनों घटनाओं के विरोध में 5 नवंबर को हजारों पुलिसकर्मियों ने पुलिस मुख्यालय के बाहर घेराव और प्रदर्शन किया।

कारोबारी रतुल पुरी को अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले और बैंक जालसाजी मामले में धनशोधन के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हें दोनों मामलों में चार माह बाद जमानत मिली।

रेलिगेयर धोखाधड़ी मामले में कारोबारियों मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह को पहले दिल्ली पुलिस ने और फिर धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया। फिलहाल दोनों न्यायिक हिरासत में हैं।

पूर्व मंत्री एम.जे अकबर के खिलाफ #MeToo आंदोलन के तहत एक महिला पत्रकार ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए और अकबर ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकद्दमा किया जिस पर इस साल सुनवाई हुई।

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