न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। अमेरिका से लौटने के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि जो लोग कश्मीरियों के साथ खड़े हैं, वे जिहाद कर रहे हैं। पाकिस्तान हमेशा कश्मीरियों का समर्थन करेगा।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने पहले संबोधन में भी इमरान ने कश्मीर मुद्दे को उठाया था। एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं से इमरान ने कहा, अगर दुनिया कश्मीरियों के साथ नहीं है तो कोई बात नहीं।
हम हमेशा उनका साथ देंगे। ऐसा करना जिहाद है। हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हम अल्लाह को खुश करना चाहते हैं। जब वक्त साथ नहीं देता तो उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। निराश न हों क्योंकि कश्मीरियों को हमसे काफी उम्मीदें हैं। वे एक दिन जरूर जीतेंगे।
पाकिस्तान की ओर से बार- बार परमाणु युद्ध की धमकी पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इसके मद्देनजर नौसेना की सेकेंड स्ट्राइक क्षमता बेहद महत्वपूर्ण है। सेकेंड स्ट्राइक क्षमता का आशय सशस्त्र सेनाओं की अपने परमाणु हथियारों के साथ जवाबी परमाणु हमला करने की क्षमता से है।
राजनाथ ने आईएनएस विक्रमादित्य जंगी पोत पर जवानों से कहा कि वह जानते हैं कि बालाकोट हमले के समय नौसेना का पश्चिमी बेड़ा कैसे तुरंत ही सक्रिय हो गया था। इसने हमारे विरोधी की तैनाती को क्षीण कर दिया और सुनिश्चित किया कि पाकिस्तान समुद्र में कोई हिमाकत न कर सके।
अगर परमाणु युद्ध होता है तो नौसेना की सेकेंड स्ट्राइक क्षमता अहम होगी। रक्षा मंत्री ने सैनिकों के साथ रविवार सुबह योगाभ्यास भी किया। उन्होंने कहा कि योग न केवल भारत में अपितु पूरे विश्व में स्वीकारा गया है।
ब्लू वॉटर नेवी बनाने की इच्छा
राजनाथ सिंह ने कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि भारतीय नौसेना को विश्व में ‘ब्लू वॉटर नेवी’ के नाम से जाना जाए। ब्लू वॉटर नेवी ऐसी नौसेना को कहा जाता है जो वैश्विक स्तर पर तटरेखा से लेकर गहरे समुद्र तक कार्रवाई करने में सक्षम हो।
26/11 दोहराने नहीं देंगे: राजनाथ
आईएनएस विक्रमादित्य से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत कभी भी मुंबई हमले को नहीं भूल सकता। अगर कोई गलती एक बार हो गई है तो इसे दोबारा किसी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा और इसलिए हमारी नौसेना और तटरक्षक बल हमेशा सतर्क रहते हैं। वह विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। यह पोत अभी भारत की पश्चिम तट रेखा पर निगरानी का काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत की तटीय सीमाओं पर आतंकवाद की घटनाओं की चुनौतियां बनीं हुई हैं और पड़ोसी देश भारत को अस्थिर करने की कुटिल योजनाएं बना रहा है। विश्व का कोई भी मुल्क अपने पास सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम रखता है और हम किसी आतंकी हमले की संभावना को नकार नहीं सकते।