न्यूज डेस्क
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इमरान सरकार ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। इसके साथ ही उनकी जमानत पर भी रद्द कर दी गई है। पाक सरकार ने शरीफ पर अपनी मेडिकल रिपोर्ट नहीं भेजने और जमानत के प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
भ्रष्टाचार के मामले में सात साल की जेल की सजा काट रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पिछले साल 29 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य कारणों के आधार पर आठ हफ्ते की जमानत दी थी। वह 19 नवंबर को इलाज के लिए लंदन गए थे, लेकिन तब से वापस नहीं लौटे।
बुधवार को प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाहकार डॉ फिरदौस आशिक अवान ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा, शरीफ अपनी मेडिकल रिपोर्ट भेजने में नाकामयाब रहे। उन्होंने एक मेडिकल सर्टिफिकेट भेजा था, जो पर्याप्त नहीं है। इसी आधार पर उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया है। यदि वह जल्द ही लंदन से नहीं लौटे तो उन्हें घोषित अपराधी माना जाएगा।
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सलाहकार अवान ने नवाज के भाई और विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ पर भी करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा, शाहबाज महीनों से बिना किसी कारण लंदन में हैं। वह अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी नहीं निभा रहे। यहां उनके लिए शानदार दफ्तर की व्यवस्था है, जिस पर हर महीने बड़ा खर्च होता है। उन्हें तुरंत लंदन से लौटना चाहिए। उन्होंने कहा कि शरीफ के निजी डॉक्टर ने दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री हृदय की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। धमनी से संबंधित इस बीमारी का निदान सर्जरी से हो सकता है, जो काफी जटिल है।
मालूम हो इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से इस मामले में नजर रखने को कहा था। शरीफ को कई बार पत्र लिखकर लंदन के किसी अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया था लेकिन उन्होंने एक सर्टिफिकेट भेजा, जिसे मेडिकल बोर्ड ने अस्वीकार कर दिया। अगर नवाज वाकई गंभीर रूप से बीमार हैं तो उन्हें विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट दाखिल करने में क्या एतराज है?
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