जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश की डबरा सीट से उपचुनाव हार जाने के बाद भी इमरती देवी के तेवरों में कोई फर्क नहीं आया है. इमरती देवी को लेकर ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की ज़बान फिसली थी जिसकी वजह से कांग्रेस को काफी नुक्सान उठाना पड़ा. बीजेपी ने इस मुद्दे को खूब कैश भी कराया लेकिन इमरती देवी खुद अपनी सीट नहीं बचा पाईं.
चुनावी हार के बाद इमरती देवी ने कहा कि हार गईं तो क्या हुआ, हमारी सरकार है मंत्री तो रहूँगी ही. विपक्ष हमारा क्या कर लेगा. अपनी हार के कारणों का मंथन करते हुए इमरती देवी ने कहा कि कांग्रेस का परम्परागत वोटर बीजेपी में पूरी तरह से शिफ्ट नहीं हो पाया इसी वजह से उन्हें अपनी सीट गंवानी पड़ी.
इमरती देवी को डबरा में अपने समधी सुरेश राजे से ही शिकस्त झेलनी पड़ी है. अपनी हार के बाद उन्होंने कहा कि हमारी पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई है इसलिए हार का कोई दुःख नहीं है. अब लूली-लंगड़ी नहीं पूर्ण बहुमत की सरकार है. मैं सरकार में हूँ, काम करती रहूँगी.
इमरती देवी की हार वास्तव में चौंकाने वाली हार है. विपक्ष में रहते हुए भी इमरती देवी ने 2008, 2013 और 2018 में रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी. वह पहली बार सरकार में मंत्री रहते हुए चुनाव लड़ीं और अपने समधी से ही हार गईं.
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इमरती देवी का कहना है कि सिर्फ ढाई हज़ार वोट से हारी हूँ. कांग्रेस के वोट को बीजेपी में लाने की मैंने पूरी कोशिश की. 60 हज़ार वोट वापस ले भी आई. उन्होंने कहा कि हारकर भी जनता के बीच रहूँगी और काम करती रहूँगी.