न्यूज डेस्क
चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। दुनिया भर में कुल 19,20,618 लोग कोरोना से संक्रमित हैं जबकि 1,19,687 लोगों की अबतक मौत हो चुकी है। अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है और अब वह मौत के मामले में इटली से भी आगे निकल चुका है। अमेरिका के अलावा इटली, स्पेन, फ्रांस और ब्रिटेन ऐसे देश हैं जहां कोरोना से मौत का आंकड़ा 10,000 के पार पहुंच गया है।
दूसरी ओर धीरे-धीरे ही सही भारत में भी कोरोना वायरस अपना पैर पसारते जा रहा है और संक्रमित मरीजों की संख्या 10 हजार को पार कर गई है। वहीं कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 339 हो गई है। लगातार हो रही मौतों की बीच अभी भी कोरोना वायरस एक अबुझ पहले बना हुआ है और इसकी दवा नहीं बन पाई है।
हालांकि, अमेरिका और चीन समेत कई देशों ने इस वायरस की काट खोजने की दावा किया है लेकिन वास्तविकता अभी भी काफी दूर लग रहा है। खबरों की माने तो ब्रिटेन ने सितंबर तक कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया है। वहीं रूस का कहना है कि वो जून तक कोविड 19 का वैक्सीन बना लेगा।
कोरोनावारस के बढ़ते संक्रमण को लेकर पूरे देश की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक बढ़ा दिया है। इसी कड़ी में कोरोना से जंग में दुनिया में अपनी टेक्नोलॉजी के लिए प्रसिद्ध आईआईटी कानपुर लगातार नए शोध कर रहा है। जहां एक तरफ आईआईटी ने 100 रुपए में सस्ती पीपीई किट बनायी की तो वहीं पोर्टेबल वेंटीलेटर का प्रोटोटाइप भी तैयार कर लिया है।
इसके अलावा स्पेशल कोटिंग एन-95 की खूबियों वाले मास्क भी बनाए हैं। अब आईआईटी ने ऐसा चैम्बर तैयार किया है जिसमें महज 2 मिनट में पूरा शरीर कीटाणुओं से मुक्त हो जाएगा। कानपुर आईआईटी ने रैपिड डिसइनफेक्टेड चैंबर तैयार किया है। जो कोरोना वायरस सहित अन्य कीटाणुओं को भी जला देगा।
दो चरणों में काम करने वाले इस चेंबर में पहले पूरा शरीर सैनिटाइज होगा, जिसके बाद थर्मल शॉक चेंबर के अधिक तापमान में वायरस पूरी तरीके से नष्ट हो जाएगा। इसका इस्तेमाल, मॉल, अस्पताल या अन्य सार्वजनिक जगहों पर किया जा सकता है। इसको बनाने में महज 50 हजार रुपए का खर्च आता है।
आपको बता दें कि पहले चरण में ऑटोमाइजेशन के तहत व्यक्ति को इस पर चेंबर में जाना होता है। सैनेटाइजर को पूरे शरीर में स्प्रे किया जाता है। इसके साथ ही हीट चेंबर या थर्मल शॉक चैंबर भी लगाया गया है। इसके अंदर का तापमान करीब 65 डिग्री होता है। स्प्रे के बाद इस चैंबर में आते ही कीटाणु लगभग खत्म हो जाते हैं।
पूरी प्रक्रिया करीब 2 मिनट की होती है और हीट चैंबर में करीब 30 सेकेंड देना होता है। कंप्यूटर साइंस एंड इजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि इन दोनों का कांबिनेशन यूनीक है। इसको बनाने में लगभग 50 हजार रुपए की लागत आयी है। इसको बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सामान आसानी से उपलब्ध हो जाता है। वहीं सार्वजनिक स्थानों में इसका बेहतर प्रयोग किया जा सकता है।