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गांधी परिवार को इन्कम टैक्स ट्रिब्यूनल ने तगड़ा झटका दिया है। राहुल गांधी द्वारा डाली गयी अर्जी को इन्कम टैक्स ट्रिब्यूनल ने खारिज कर दिया। इस अर्जी में राहुल ने यंग इंडिया को चैरिटेबल संस्था बनाने के लिए कहा था। इस अर्जी के ख़ारिज होने से राहुल गांधी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती है।
ट्रिब्यूनल ने अर्जी को ख़ारिज करते हए कहा कि ये एक व्यावसायिक संस्थान है। इससे पहले गांधी परिवार ने दावा किया था कि यंग इंडियन एक चैरिटेबल संस्था है और उसे टैक्स में छूट मिलनी चाहिए। अब उनके खिलाफ सौ करोड़ रूपये के इनकम टैक्स का केस फिर से खुल सकता है।
सुनवाई के दौरान ट्रिब्यूनल में यह सामने आया कि यंग इंडियन को कांग्रेस पार्टी ने लोन दिया था। इस लोन से उसने एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के साथ मिलकर व्यापार किया था। बताया जा रहा है कि अब कांग्रेस पार्टी को इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट को अब बंद किया जा सकता है क्योंकि पार्टी ने इन कंपनियों की मदद करके नियमों का उल्लघन किया है।
सोनिया और राहुल हैं डायरेक्टर
बता दें कि यंग इंडिया के डायरेक्टर सोनिया गांधी और राहुल गांधी है। दोनों के ही पास कंपनी की 36-36 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। इसके अलावा मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फनार्ंडिज के पास 600 शेयर हैं। कांग्रेस ने 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट में बताया था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड गैर-लाभकारी कंपनी है।
मोतीलाल वोरा और हुड्डा के खिलाफ भी दायर हुई याचिका
अगस्त में ईडी ने एजेएल, मोतीलाल वोरा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में आरोप पत्र दाखिल किया था। इसके तहत जांच में पता चला कि हरियाणा के पंचकूला में एक प्लॉट को एजेएल को साल 1982 में आवंटित किया गया। लेकिन इसे एस्टेट अधिकारी एचयूडीए ने 30 अक्टूबर 1992 को वापस ले लिया। बताया जा रहा था कि एजेएल ने आवंटनपत्र की शर्तों का पालन नहीं किया था।
सुब्रमण्यम स्वामी ने दर्ज कराया था मामला
नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने निचली अदालत में राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया था। इसके बाद से गांधी परिवार के खिलाफ आयकर की जांच शुरू हुई थी। इस मामले में राहुल गांधी और ऑस्कर फर्नाडीस जमानत पर हैं। वहीं निचली अदालत ने 2015 में इस मामले सोनिया गांधी को भी जमानत दे दी थी।