विजया पाठक
मध्यप्रदेश की धरती पर आगामी 27 से 29 मार्च 2020 को इंदौर में आईफा अवॉर्ड का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन की घोषणा भोपाल में पिछले दिनों सीएम कमलनाथ ने अभिनेता सलमान खान के साथ की। इस आयोजन को लेकर कमलनाथ ने कहा कि आईफा अवॉर्ड से प्रदेश का देश-दुनिया में नाम होगा, निवेश आएगा, प्रदेश को नई पहचान मिलेगी।
इसके अलावा भी कई अपेक्षाएं गिनाई गईं। सीएम ने आईफा अवॉर्ड की मेजबानी को इस तरह पेश किया जैसे उन्होंने बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मेरा मानना है कि प्रदेश के मौजूदा अस्थिरता के माहौल से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है। कुछ समय के लिए सबका ध्यान इस आयोजन पर होगा।
मध्यप्रदेश की धरती पर दलितों, आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं, किसान कर्जमाफी के इंतजार में आत्महत्या कर रहे हैं, बेरोजगार युवा हताशा और अवसाद का शिकार हो रहे हैं। एक तरफ सरकार आम लोगों से जुड़ी महत्वाकांक्षी योजनाएं बंद कर रही है वहीं दूसरी तरफ कमलनाथ सरकार आईफा अवॉर्ड पर करोड़ों रूपये खर्च करने पर गुरेज नहीं कर रही है।
खाली खजाने का हवाला देकर कमलनाथ सरकार गरीबों की योजनाओं को बंद कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर आईफा अवार्ड के नाम पर सरकार अपनी वाहवाही में लगी हुई है। जब प्रदेश में खुशहाली और लोगों में प्रसन्नता का माहौल होता तो आईफा अवॉर्ड किया जाता तो शायद प्रदेश की जनता इस अवॉर्ड को स्वीकार कर पाती लेकिन यह समय बहुत नाजुक चल रहा है।
कुछ भी ठीक नहीं है। यह अवॉर्ड व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा का माध्यम बनेगा, कमलनाथ के व्यक्तिगत प्रचार का माध्यम बनेगा। इस अवॉर्ड के माध्यम से सीएम कमलनाथ पार्टी के अंदर और बाहर अपने संबंधों को भुनाएंगे। जैसा इन्होंने इंदौर इंवेस्टर्स समिट में किया था। फर्क अब इतना है कि अब ये फिल्मी हस्तियों के साथ ढिंढोरा पीटेंगे।
आईफा अवॉर्ड को लेकर सीएम का कहना है कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। सीएम को यह भी बताना चाहिए कि आईफा अवॉर्ड से पर्यटन को कैसे बढ़ावा मिलेगा। हां इतना जरूर है कि इस आयोजन से अपने बेटे नकुलनाथ और और बिजनेस को जरूर बढ़ावा मिलेगा। शायद वह यही चाहते हों।
आईफा अवॉर्ड को लेकर हाल ही में भोपाल में जब सलमान खान के साथ सीएम ने प्रेस कॉन्फेंस की थी तो बड़ा ही अजीब सा माहौल था। पत्रकारों का बहुत अपमान किया गया। कुल मिलाकर यह प्रेस कॉन्फेंस थी ही नहीं। यह ग्लैमर मीट थी। जिसमें सीएम का परिवार था, कांग्रेस के नेता थे, अधिकारी थे उनका परिवार था जो सलमान खान के साथ फोटो खिंचवाने में व्यस्त थे।
बड़ी दिलचस्प बात है कि जनसंपर्क विभाग को पता ही नहीं था कि पीसी हो रही है। वहीं पर्यटन विभाग को इस आयोजन का नोडल एजेंसी बनाया गया है लेकिन पर्यटन विभाग को भी पता नहीं था कि पीसी हो रही है। पीसी का आयोजन बीज क्राफ्टट कंपनी ने करवाई थी। यह कंपनी क्या है किसकी है।
वर्तमान समय में प्रदेश की हालत सभी क्षेत्रों में बहुत खराब है। विकास कार्य ठप्प हैं, बेरोजगारी चरम पर है, किसान परेशान हैं। ऐसे हालातों में कमलनाथ सरकार को इन बुनियादी मामलों पर ध्यान देना चाहिए न कि ग्लैमरस कार्यक्रम करना चाहिए।
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इस आईफा अवॉर्ड से न प्रदेश का भला होने वाला है और न ही कांग्रेस का भला होने वाला है। भला यदि किसी को होगा तो सिर्फ कमलनाथ का होगा। उन्हें अपनी ब्रांडिंग करने का मंच जरूर मिल जाएगा। शायद वह यहीं करना चाहते हैं।
यह आईफा अवार्ड प्रदेश की जनता के पैसों से कमलनाथ सरकार के नाकारापन, वादाखिलाफी और दलित और आदिवासियों पर बढ़ते अत्याचारों का जश्न है। गरीबों की चिंता करने की बजाय कमलनाथ सरकार फिल्म स्टारों की आवभगत में लगेगी। जनता की गाढ़ी कमाई से ऐसे आयोजनों पर खर्च करना जनता का अपमान है, जिसे प्रदेश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।
फिजूलखर्ची के लिए सरकार के पास पैसा कहां से आ रहा है। सरकार का मानना है कि आईफा अवार्ड पर करीब 58 करोड़ रूपए की राशि खर्च होगी लेकिन 3-4 सौ करोड़ से ज्यादा राशि खर्च होगी। इसकी तैयारियों के लिए सरकारी मशीनरी को भी लगाया जाएगा।