न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। अगर आप भी लेन-देन के लिए डिजिटल पेमेंट एप Paytm का इस्तेमाल करते हैं तो अपनी जेब ढीली करने के लिए तैयार रहिए। क्योंकि नए साल में कंपनी एक पॉलिसी लेकर आई है जिसके तहत पेटीएम के ई-वॉलेट में भारी-भरकम रकम रखने पर चार्ज देना होगा।
कंपनी ई-वॉलिट में क्रेडिट कार्ड से एक महीने में 10 हजार रुपये से अधिक रकम डालने पर आपसे 2% शुल्क का भुगतान वसूल करेगी। इतना ही नहीं आपको चार्ज के अलावा जीएसटी का भी भुगतान करना होगा।
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पेटीएम ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। कंपनी ने लिखा कि अगर क्रेडिट के जरिए डाली गई कुल रकम 10 हजार रुपये से अधिक होती है तो ट्रांजैक्शन के कुल अमाउंट पर 1.75%+GST देना होगा।
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हालांकि डेबिट कार्ड तथा यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से वॉलिट टॉप-अप करने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। सूत्रों के अनुसार कंपनी ने यह फैसला लेनदेन पर पड़ने वाली लागत को बचाने के लिए किया है। करीब एक साल पहले कंपनी भी ने इस तरह का शुल्क लगाने पर विचार किया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया।
बाजार के जानकारों का मानना है कि हर ट्रांजेक्शन का एक खर्च होता है, अब पेटीएम यह लागत अपने ग्राहकों पर डालकर उसे कवर करने की कोशिश कर रही है।
जानकारों का कहना है पेटीएम जैसी कंपनियों पर निवेशकों का दबाव भी होता है और उन्हें यह साबित करना होता है कि वे मुनाफा कमाने लायक बन सकती हैं। हमेशा के लिए एमडीआर का बोझ खुद उठाना कारोबार के लिहाज से सही कदम नहीं कहा जा सकता।
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