जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ. कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. भारत में 10 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. हालात ऐसे हो चुके हैं कि हर तीसरे दिन एक लाख मरीज़ बढ़ जाते हैं. एक तरफ संक्रमण लगातार बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. अब तक 25 हज़ार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
कोरोना संक्रमण के मामले में सबसे ज्यादा दिक्कत की बात यह है कि इधर ऐसे तमाम मामले सामने आये हैं जिनमें संक्रमण को दर्शाने वाले कोई लक्षण नज़र नहीं आये. दूसरी तरफ दिक्कत यह भी है कि कोरोना से निबटने के लिए अब तक कोई वैक्सीन बाज़ार में नहीं आयी है. जिन देशों का दावा है कि उन्होंने वैक्सीन बना ली है वह भी अभी क्लीनिकल टेस्ट के रास्ते में हैं. ज़ाहिर है कि बाज़ार में कोरोना वैक्सीन आने में अभी वक्त लगने वाला है.
कोरोना वायरस ने निबटने के लिए डाक्टरों के सामने सबसे बड़ा संकट इसकी पहचान और जांच का है. डाक्टरों के सामने दिक्कत यह है कि वह सभी नागरिकों की जांच कर नहीं सकते. जांच उसी की होती है जिसके लक्षण स्पष्ट रूप से नज़र आयें. लक्षण ही स्पष्ट नहीं होंगे तो फिर जांच किसकी की जाए.
भारत के लिए राहत की बात यह मानी जा सकती है कि हमारा रिकवरी रेट अब काफी बेहतर हो गया है. भारत में रिकवरी रेट अब 63 फीसदी से ज्यादा हो गया है. रिकवरी रेट जितना बेहतर होता जाएगा उतनी ही तेज़ी से संक्रमित मरीजों के ठीक होने का सिलसिला भी बढ़ता जाएगा.
भारत में कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई थी तब संक्रमित मरीजों में तेज़ बुखार, खांसी, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ के लक्षण सामने आये थे. यही वजह है कि जिन लोगों में यह लक्षण नज़र आ रहे है उनकी टेस्टिंग होती जा रही थी. मरीजों की संख्या बढ़ गई तो सरकार ने सभी मेडिकल स्टोर्स को यह निर्देश जारी किया था कि अगर कोई खांसी या बुखार की दवा लेने आये तो उससे आधार कार्ड मांगें और उसके मोबाइल नंबर के साथ जिला प्रशासन और सीएमओ के कार्यालय को बताएं कि किसने-किसने दवा खरीदी. लेकिन अब हालात बदल गए हैं. अब कोरोना मामले में ज़रूरी नहीं है कि लक्षण स्पष्ट रूप से नज़र आ रहे हों.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद इस संक्रमण के कुछ और लक्षणों की सूची जारी की. बताया गया कि अगर किसी को ज्यादा थकान महसूस हो रही है. बदन दर्द है. सिरदर्द है. ठंड लग रही है, उल्टी, दस्त या फिर बलगम की शिकायत है तो उसे तत्काल कोरोना टेस्ट कराना चाहिए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया था कि अगर किसी की नाक को किसी भी किस्म की गंध महसूस नहीं हो रही है या फिर कुछ भी खाने पर उसका स्वाद महसूस नहीं हो रहा है तो ऐसे लोगों को भी अपनी कोरोना जांच करवानी चाहिए.
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कोरोना के अन्य लक्षण कौन से हैं वह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. ऐसे में इससे बचने के लिए अपने हाथों को बार-बार धोने, बगैर हाथ धोये उसे मुंह या आँख तक न ले जाने की सलाह दी गई है. घर से निकलने पर मास्क पहनने, किसी से भी हाथ न मिलाने और दूरी बनाकर बात करने की सलाह दी गई है. कोरोना से बचने के लिए शादियों और मौत जैसे मौके पर भी शामिल होने वालों की संख्या तय कर दी गई है ताकि संक्रमण फैलने के खतरे को कम किया जा सके.
लोगों को सलाह दी गई है कि वह अनावश्यक यात्रा करने से बचें. बहुत ज़रूरत न हो तो घर से बाहर न निकलें. जिन चीज़ों को ज्यादा लोग छूते हैं उन्हें बार-बार सैनेटाइज़ करते रहें.