जुबिली न्यूज डेस्क
पटना: बिहार में सनातन पर सियासत एक बार फिर से शुरू हो चुकी है। मंदिर को लेकर राजद के नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव के बयान से माहौर गरम है। उसी बीच उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी एक सार्वजनिक सभा में बयान दे दिया कि बीमार पड़ने पर अस्पताल जाना चाहिए या मंदिर। लेकिन तेजस्वी के इसी बयान पर वो खुद ही घिर गए हैं। उनके बयान के बाद अब लालू परिवार की एक हाल ही की तस्वीर को बीजेपी ने अपना हथियार बना लिया है। इसी तस्वीर के जरिए अब बीजेपी ने तेजस्वी यादव पर हमला बोल दिया है।
सनातन पर बयान देकर फंसे तेजस्वी
बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ० निखिल आनंद ने उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सीधे-सीधे कहा है कि ‘चंद्रशेखर कन्फ्यूज्ड आदमी हैं और वो थेथरोलॉजी के प्रोफेसर हैं। भगवान श्रीराम- श्रीकृष्ण का मंदिर अयोध्या- मथुरा में नहीं तो येरुशलम में होगा?’ बीजेपी नेता निखिल आनंद ने बिहार के शिक्षामंत्री को दिग्भ्रम का शिकार, बेवकूफ और बहियात आदमी बताया है। निखिल ने कहा कि चंद्रशेखर को ज्ञान की कमी है और अपने राजनीतिक गुरु की भांति ही वे भी कन्फ्यूज्ड है।
मुंडन कराना था तो तिरुपति क्यों गए?- BJP
अपने इस बयान के साथ उन्होंने एक तस्वीर भी ट्वीट की है। इसमें पूरा लालू परिवार मुंडन कराने के बाद तिरुपति मंदिर के बाहर खड़ा नजर आ रहा है। हालांकि ये तस्वीर कुछ दिन पहले तेजस्वी यादव ने ही ट्वीट की थी। अब इसी तस्वीर को लेकर निखिल आनंद ने चंद्रशेखर के बहाने उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा। निखिल ने तेजस्वी से पूछा, ‘सपरिवार मुंडन कराने के लिए सैलून की बजाय तिरुपति के बालाजी मंदिर क्यों गए थे?’ आपको बता दें कि हाल ही में एक सार्वजनिक सभा में तेजस्वी ने अयोध्या के भगवान श्री राम मंदिर के निर्माण पर कटाक्ष करते हुए लोगों से पूछा था कि इलाज कराना है तो मंदिर जाओगे कि अस्पताल!
किस हद तक गिरेंगे तेजस्वी- निखिल आनंद
निखिल आनंद ने कहा कि भगवान श्रीराम का अपमान करने वाले कभी भी भगवान श्रीकृष्ण का भक्त होने का दावा नहीं कर सकते और श्रीकृष्णवंशी होने का दावा तो दूर की बात है। निखिल ने तेजस्वी से पूछा कि भगवान श्रीराम- श्रीकृष्ण का मंदिर अयोध्या- मथुरा में नहीं तो येरुशलम में होगा? निखिल ने तेजस्वी यादव से यह भी पूछा कि धार्मिक तुष्टीकरण व मुस्लिमपरस्ती के लिए किस हद तक गिरेंगे?