जुबिली न्यूज डेस्क
भारत में अधिकांश परिवार भविष्य की सुरक्षा के लिए एफडी करता है। यदि यह कहें कि देश में एफडी बचत करने का प्रचलित विकल्प है तो गलत नहीं होगा।
लोग बैंक में अपनी गाढ़ी कमाई इसलिए जमा करना पंसद करते हैं क्योंकि यह निवेश का सुरक्षित विकल्प है। इसमें आपको सेविंग अकाउंट की तुलना में लगभग दोगुना ब्याज मिलता है।
यदि आप कोई एफडी कराने की सोच रहे हैं तो आपको आरबीआई (RBI) की ओर से एफडी में नियमों में किये गए बदलाव की जान लेना चहिए, अन्यथा आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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आरबीआई की ओर से FD से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया है। आरबीआई ने नये नियमों को प्रभावी भी कर दिया है।
पिछले कुछ दिनों में सरकारी और गैर सरकारी दोनों ही बैंकों ने एफडी पर ब्याज दर में इजाफा किया है। इसलिए जरूरी है कि आप एफडी कराने से पहले बदले हुए नियमों को अच्छे से जान लें।
क्या है नया नियम?
आरबीआई ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के नियम में यह बदलाव किया है कि मैच्योरिटी पूरी होने के बाद यदि आप अपनी राशि के लिए क्लेम नहीं करते हैं तो इस पर आपको कम ब्याज मिलेगा।
यह ब्याज FD नहीं बल्कि सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज के बराबर होगा। फिलहाल बैंकों की ओर से 5 से 10 साल वाली FD पर 5 प्रतिशत से अधिक ब्याज दिया जाता है। वहीं सेविंग अकाउंट पर ब्याज दरें 3 से 4 प्रतिशत तक हैं।
आप इसे ऐसे समझे। यदि आपने 5 साल की मैच्योरिटी वाली FD कराई है तो इसके मैच्योर होने पर आप किसी कारणवश पैसा नहीं निकाल रहे तो ऐसे में दो परिस्थितियां होंगी।
पहली कि अगर एफडी पर मिल रहा ब्याज सेविंग अकाउंट पर मिल रहे ब्याज से कम है, तो आपको FD वाला ब्याज ही मिलेगा।
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दूसरी स्थिति ये है कि यदि एफडी पर मिल रहा ब्याज बचत खाते पर मिल रहे ब्याज से अधिक है, तो सेविंग अकाउंट पर मिल रहा ब्याज मैच्योरिटी के बाद मिलेगा।
क्या था पुराना नियम
इससे पहले एफडी मैच्योर होने पर यदि आप पैसा नहीं निकालते थे या इस पर दावा नहीं करते हैं तो बैंक आपकी एफडी को उतने समय के लिए आगे बढ़ा देता था जिसके लिए आपने पहले फिक्स डिपॉजिट किया था, लेकिन अब मैच्योरिटी पर पैसा नहीं निकालने पर उस पर FD का ब्याज नहीं मिलेगा।