प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. अगले साल अगर आप या आपके रिश्तेदार हज यात्रा की तैयारी कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत काम की है. साल 2021 से हज पर जाने वालों को हज पर जाने का आवेदन करने से पहले सरकार को अपनी आय का स्रोत बताना होगा. इसके लिए इन्कम टैक्स रिटर्न भरना होगा. इसके बाद आयकर विभाग से क्लीयरेंस सर्टिफिकेट हासिल करना होगा. इस सर्टिफिकेट के बगैर हज के लिए आवेदन भी नहीं किया जा सकेगा.
सरकार ने स्पष्ट तौर पर बता दिया है कि हर हज यात्री को इस नियम का पालन करना होगा. अगर किसी ने बगैर आयकर विभाग के क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के हज का फ़ार्म भरा तो उस पर एक हज़ार से दस हज़ार रुपये का जुर्माने का प्राविधान है. नए नियमों का पालन कराने की ज़िम्मेदारी हज कमेटी ऑफ़ इण्डिया को दी गई है और कमेटी ने इस दिशा में अपना काम शुरू भी कर दिया है.
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अगले साल जिन लोगों को हज यात्रा करनी है उनकी यात्रा की प्रक्रिया इसी साल नवम्बर में शुरू हो जायेगी. केन्द्र सरकार ने यह आदेश दिया है कि जिन धार्मिक यात्राओं पर दो लाख रुपये से अधिक खर्च होता है उस यात्रा पर जाने वालों को अपना इन्कम टैक्स रिटर्न भरना अनिवार्य होगा. यह नियम इस साल भी हज पर जाने वालों के लिए था लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस साल कोई हज पर जा ही नहीं पाया.