जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. बिहार सरकार की शराबबंदी योजना को तस्करों की नयी-नयी कोशिशें रोजाना कुछ न कुछ नुक्सान पहुंचा ही जाती हैं. शराब तस्करों से जुड़े मुकदमों की वजह से बिहार की अदालतें भी अब कराहने लगी हैं मगर तस्करों का जोश पूरे शबाब पर है. उत्तर प्रदेश के चंदौली में पकड़ी गई डाक विभाग की फर्जी गाड़ी में भरी शराब ने बिहार सरकार के सामने फिर से नयी चुनौती पेश कर दी है.
चंदौली में पकड़ी गई डाक विभाग की फर्जी गाड़ी में पुलिस ने करीब 32 लाख रुपये की शराब बरामद की है. पुलिस को यह बरामदगी किसी की मुखबरी की वजह से हो गई. वर्ना तो यह गाड़ी 215 पेटी शराब के साथ हरियाणा से उत्तर प्रदेश के चंदौली तक बगैर किसी जांच के पहुँच ही गई थी. यहाँ से बिहार सीमा काफी करीब थी.
चंदौली पुलिस ने मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर भारतीय डाक लिखी लाल पेंट से रंगी डीसीएम रोकी तो उसके अन्दर 215 बोतल शराब बरामद हुई. इस गाड़ी से हरियाणा के मनोज कुमार और संदीप को गिरफ्तार किया गया. इन लोगों का कहना है कि 32 लाख रुपये की यह शराब बिहार पहुँचते ही 64 लाख रुपये की हो जाती. इन लोगों ने बताया कि बिहार सीमा पर इन दिनों शराब की वजह से काफी सख्ती है लेकिन डाक विभाग की गाड़ी बगैर चेकिंग आराम से निकल जाती है. इसी वजह से एक डीसीएम को डाक विभाग की गाड़ी जैसा बनाया गया.
यह गाड़ी हरियाणा से चलकर चंदौली तक बगैर रोकटोक के पहुँच गई थी. अलीनगर पुलिस को किसी ने सटीक मुखबिरी की और 2000 लीटर शराब बरामद हो गई. पुलिस ने मनोज और संदीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
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