जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें जीएसटी के दायरे में आ सकती हैं. अगर ऐसा हुआ तो पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में काफी गिरावट आयेगी. केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में समिति गठित हो चुकी है. 17 सितम्बर को इस सम्बन्ध में बैठक होने वाली है. इस बैठक में अगर पेट्रोल-डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाने के प्रस्ताव मान लिए जाते हैं तो पेट्रोल डीज़ल के दामों में कमी हो जायेगी.
जीएसटी का ऐसा सिस्टम है जिसमें किसी भी बदलाव के लिए समिति के तीन चौथाई सदस्यों की मंजूरी की ज़रूरत होती है. समिति में सभी राज्यों और क्षेत्रों के प्रतिनिधि हैं. बताया जाता है कि इस समिति के कई सदस्यों ने जीएसटी सिस्टम में ईंधन को शामिल करने का विरोध किया है. हालांकि एक अदालत ने भी पेट्रोल-डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करने को कहा है.
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पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें पिछले कुछ महीनों में सबसे ज्यादा बढ़ी हैं. इस पर केन्द्र सरकार ने भी टैक्स बढ़ाए हैं और राज्य सरकारों ने भी टैक्स बढ़ाया है. पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें मौजूदा समय में रिकार्ड स्तर पर हैं.