जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी के सरनेम वाले मामले पर राहुल गांधी को हाई कोर्ट के बाद अगर सुप्रीम कार्ट से राहत नहीं मिली तो आगे उनके पास क्या विकल्प हो सकता है? क्या उनकी सदस्यता बहाल कर दी जाएगी या फिर उन्हे दो साल की सजा दी जाएगी, क्या आने वाले चुनाव में राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे या नहीं… जानें क्या हो सकता है….
बता दे कि राहुल गांधी की मानहानि मामले में दोषसिद्धी पर रोक लगाने की अर्जी गुजरात हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। अब इस फैसले के बाद राहुल गांधी के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता है। सुप्रीम कोर्ट से अगर दोषसिद्धी पर रोक लगती है तभी राहुल गांधी चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं। कांग्रेसी नेता राहुल गांधी को निचली अदालत द्वारा दो साल के लिए अयोग्य ठहराए जाने के बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया था। इसी बीच मामला गुजरात हाई कोर्ट पहुंचा।
जानें क्या हो सकती है सदस्यता बहाल
सूरत की मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद गांधी की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब गुजरात हाई कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की राहुल गांधी की गुहार को खारिज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ज्ञानंत सिंह बताते हैं कि हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट दोष सिद्धी पर रोक लगा देता है तो फिर उसी आदेश में अयोग्यता करार दिए जाने पर भी रोक का आदेश पारित करना होगा। इस तरह अपील पेंडिंग रहने के दौरान अयोग्यता पर रोक लग जाएगी और सदस्यता बहाल हो सकती है।
अर्जी खारिज होने पर क्या होगा?
एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय बताते हैं कि यह मामला कई संभावनाओं पर आधारित है। अगर हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम रोक नहीं लगाती है और अपील पेंडिंग रहती है तो अगले आम चुनाव में राहुल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। अगर अर्जी खारिज हो जाती है और दो साल कैद की सजा बहाल रखी जाती है तो राहुल गांधी दो साल जेल काटेंगे और फिर उसके छह साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। एक संभावना यह है कि अगर राहुल गांधी की अपील पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट दोषी करार देता है लेकिन सजा दो साल से कम कर देता है तो राहुल चुनाव लड़ पाएंगे क्योंकि दो साल से कम सजा के मामले में अयोग्यता नहीं होती है।
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दोषसिद्धी पर लग सकती है रोक?
राहुल गांधी केस में भी दोषसिद्धी पर रोक की गुहार लगाई जा सकती है। इस दौरान जमानत की भी मांग होगी। आमतौर पर ऐसे मामले में केस पेंडिंग रहने के दौरान जमानत मिल जाती है और ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में केस पेंडिंग रहने के दौरान राहुल गांधी बेल मिल सकती है।
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