जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मात्र 2.51 करोड़ प्रवासी मजदूरों को ही अनाज वितरित किया है, उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्रालय की मानें तो अनाज कम वितरण बताता है कि प्रवासी मजदूरों की वास्तविक संख्या काफी कम थी।
लॉकडाउन के बाद से ही मोदी सरकार बिना राशन कार्ड वालों को मुफ्त राशन देती आ रही है, इस योजना से केन्द्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना की शुरुआत की लेकिन लोगों को इस योजना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
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हालांकि कुछ लोगों ने आवेदन के बावजूद राशन ना मिलने की बात कही है, आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत उन प्रवासियों को मुफ्त राशन मिलना है, जिनका देश में कहीं भी राशन कार्ड नहीं है, इसके तहत प्रत्येक परिवार को हर महीने 5 किलो चावल या गेहूं और एक किलो चना दिया जाना है।
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ऐसे में अगर किसी कार्डधारकों को मुफ्त आनाज लेने में दिक्कत आ रही है तो वह इसकी शिकायत संबंधित जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक कार्यालय में या फिर राज्य उपभोक्ता सहायता केंद्र पर कर सकते हैं।
इसके लिए सरकार ने टोल फ्री नंबर 1800-180-2087, 1800-212-5512 और 1967 जारी किया है। उपभोक्ता अपनी शिकायत इन नंबरों पर दर्ज करवा सकते हैं। कई राज्य सरकारों ने अलग से भी हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
लॉकडाउन के दौरान ही पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के विस्तार की मंजूरी दी थी। केंद्र सरकार ने पिछले दिनों ही PMGKAY के तहत 81 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को नवंबर 2020 तक मुफ्त में अनाज देने का ऐलान किया था।
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