जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ. नोयडा में फिल्म सिटी को उत्तर प्रदेश सरकार की हरी झंडी मिलते ही कलाकारों ने फिल्म सिटी को लखनऊ में बनाने की मांग की है. कलाकार एसोसिएशन ने इस सम्बन्ध में आज उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि प्रदेश में फिल्म सिटी का निर्माण प्रदेश के विकास के साथ ही रोज़गार के अवसर भी पैदा करेगा. उत्तर प्रदेश में फिल्म निर्माण का काम होगा तो हिन्दी के साथ ही अवधी, भोजपुरी और बुन्देलखण्डी भाषा की फिल्मों का रास्ता भी बनेगा. इन सभी बोलियों के कलाकार और तकनीशियन फिल्म निर्माण से जुड़े हुए हैं.
कलाकारों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी बनने से न सिर्फ कलाकारों का यहाँ से पलायन रुकेगा बल्कि प्रदेश के लोगों को प्रदेश में ही रोज़गार भी मिलने लगेगा.
कलाकारों का कहना है कि जब देश के अन्य राज्यों की सरकारों ने अपनी-अपनी राजधानी में फिल्म सिटी का निर्माण किया है तो उत्तर प्रदेश में राजधानी से इतनी दूर फिल्म सिटी क्यों बनाई जा रही है. कलाकारों का कहना है कि नोयडा में न तो कोई प्रेक्षागृह है और न ही लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर, गोरखपुर, बरेली और आजमगढ़ की तरह से वह सांस्कृतिक केन्द्र ही है.
कलाकार एसोसियेशन के सचिव विनोद मिश्र ने कहा कि नोयडा में फिल्म सिटी बनी तो फिल्म निर्माण से सम्बंधित अनुपूरक मांगें दिल्ली से पूरी होंगी. इससे उत्तर प्रदेश को राजस्व का नुक्सान होगा. उन्होंने कहा कि नोयडा किसी रेलवे स्टेशन से नहीं जुड़ा है. इससे छोटे निर्माताओं पर अतिरिक्त वज़न बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि पहले भी एक बार नोयडा में फिल्म सिटी का निर्माण किया जा चुका है लेकिन उद्देश पूरे नहीं हो पाए.
फिल्म बंधु का दफ्तर लखनऊ में है. फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव के सुझाव पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ और कानपुर के बीच फिल्म सिटी के निर्माण की बात भी कह चुके हैं, फिर नोयडा को इसके लिए क्यों चुना गया.
कलाकार एसोसियेशन के अध्यक्ष संगम बहुगुणा ने कहा कि लखनऊ में फिल्म सिटी बने तो लखनऊ के आसपास शूटिंग लायक कई लोकेशंस हैं. पिछले कुछ सालों में यहाँ बड़े बजट की फ़िल्में शूट भी हुई हैं. इसके अलावा 4 के रेजलेंस कैमरे से शूट फिल्मों के पोस्ट प्रोडक्शन से सम्बंधित लैब भी लखना में पहले से है. अमिताभ बच्चन के धारावाहिक बिग बॉस के प्रोमो की वाइस रिकार्डिंग भी लखनऊ के ऑडियो स्टूडियो में हो चुकी है. लखनऊ और कानपुर में हर श्रेणी के निर्माताओं के ठहरने लायक होटल हैं.
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उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माण के मामले में लखनऊ हर मामले में जांचा-परखा है जबकि नोयडा सिर्फ न्यूज़ चैनलों और वीडियो अल्बम तक ही सीमित है. इसके अलावा लखनऊ में भारतेंदु नाट्य अकादमी और संगीत नाटक अकादमी जैसे प्रशिक्षण संस्थान हैं. फिल्मों की मार्केटिंग के मामले में भी लखनऊ उपयोगी साबित होगा.
सबसे बड़ी बात यह है कि लखनऊ में फिल्म सिटी बनेगी तो राजधानी के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी भी बनी रहेगी.