न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। कंगाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए एक बुरी खबर है। यूनाइटेड नेशंस की एक आर्थिक रिपोर्ट में पूर्वानुमान जताया गया है कि इस साल 2019 में पाकिस्तान जीडीपी का अनुमान सबसे कम 4.2 प्रतिशत और 2020 में 4 प्रतिशत रह सकता है।
बड़ी बात यह है कि रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की जीडीपी नेपाल, बांग्लादेश और मालदीव से भी पीछे रह सकती है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत 7.5 फीसदी की रफ्तार से विकास करेगा, जबकि बांग्लादेश में सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 7.3 फीसदी रहेगी।
सर्वेक्षण में ये भी पता चला है कि इस क्षेत्र में कुल आर्थिक स्थिति 2019 और 2020 में अनुमानित 5- 5.1 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि के साथ स्थिर रहेगी। हालांकि, निर्यातोन्मुखी क्षेत्र यूरोप और संभवतः अमेरिका में कमजोर मांग का सामना कर रहे हैं और चल रहे अमेरिका- चीन व्यापार युद्ध से अनिश्चितता बढ़ रही है।
ये है मुख्य वजह
एशियाई विकास परिदृश्य 2019 के अनुसार, कृत्रि क्षेत्र में सुधार के बावजूद 2018 में पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़ी है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान की विस्तारवादी राजकोषीय नीति ने बजट और चालू खाते के घाटे को व्यापक रूप से बढ़ाया और विदेशी मुद्रा का भारी नुकसान किया है।
एडीबी ने कहा कि जब तक वृहद आर्थिक असंतुलन को कम नहीं किया जाता है तब तक वृद्धि के लिए परिदृश्य धीमा बना रहेगा, ऊंची मुद्रास्फीति रहेगी, मुद्रा पर दबाव बना रहेगा। उसे थोड़ा बहुत विदेशी मुद्रा भंडार भी बनाए रखने के लिये भारी मात्रा में बाहरी फंडिंग की जरूरत होगी।
पहले से ज्यादा कम होगी जीडीपी रफ्तार
यूएनईएससीएपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी विकास दर के मामले में पाकिस्तान इस क्षेत्र में सबसे पीछे रहेगा और 2019 में 4.2 फीसदी की गति से बढ़ेगा, जबकि 2020 में महज 4 फीसदी विकास दर होगी।
इस लिहाज से वह नेपाल और मालदीव से भी बहुत पीछे रह जाएगा। नेपाल और मालदीव की जीडीपी रफ्तार 2019 में 6.5 फीसदी रह सकती है, जबकि बांग्लादेश में सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 7.3 फीसदी रहेगी।