जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. इंदौर पुलिस ने एक आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया है. कोर्ट ने उन्हें 14 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर दे दिया है. नगरीय प्रशासन विभाग में अपर आयुक्त के पद पर कार्यरत यह अधिकारी कभी एक महिला के साथ ज्यादती के आरोप में चर्चा का विषय बनता है तो कभी जज के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर गिरफ्तार हो जाता है.
आईएएस संतोष वर्मा को फर्जी दस्तावेज़ के आधार पर प्रमोशन लेने की कोशिश का आरोप है. संतोष वर्मा प्रमोशन के लिए डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (डीपीसी) के सामने गए तो कमेटी ने उनसे पूछा कि आपके खिलाफ कोई एफआईआर तो नहीं है. तो उन्होंने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपते हुए कहा कि एफआईआर तो थी मगर उस मामले में समझौता हो गया है. इस पर कमेटी ने कहा कि समझौता बरी होने की श्रेणी में नहीं आता है. प्रमोशन फंसता नज़र आया तो संतोष ने उसी दिन कमेटी के सामने दूसरा फैसला पेश करते हुए कहा कि कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है.
एक ही दिन में कोर्ट के दो-दो फैसले देखकर अधिकारियों को शक हो गया. आईजी ने जांच कराई तो फैसला भी फर्जी निकला और जज व कोर्ट की सील भी फर्जी मिली. इसी के बाद 27 जून को एमजी रोड पुलिस ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की शिकायत पर केस दर्ज करते हुए संतोष को गिरफ्तार कर लिया.
संतोष को लेकर यह कोई पहला विवाद नहीं है. प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान साथ में तैयारी कर रही एक लड़की से हुई जान पहचान प्रेम में बदल गई और दोनों शादी कर साथ रहने लगे. इस महिला का आरोप है कि शादी के बाद हरदा में वह संतोष के सरकारी आवास में पत्नी के रूप में रहती थी. जब इनका उज्जैन ट्रांसफर हुआ तो संतोष ने महिला को टाउनशिप में घर दिलवा दिया और खुद उज्जैन चले गए.
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इस महिला को बाद में पता चला कि संतोष तो पहले से ही शादी शुदा था. अपने साथ हुए धोखे के बाद महिला ने संतोष के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी. उसने पुलिस को शादी की फोटो के अलावा पासपोर्ट में पति के नाम की जगह संतोष का नाम दिखाया. पांच साल से दोनों के बीच विवाद चल रहा है. अब चार महीने पहले संतोष ने सभी आरोप नकारते हुए महिला के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया. संतोष का कहना है कि यह महिला एलआईसी एजेंट के रूप में मिली थी और धोखे से उसके दस्तावेज़ हासिल कर उनका इस तरह से इस्तेमाल कर लिया कि मतदाता पहचान पत्र और पासपोर्ट में पति की जगह मेरा नाम लिखवा दिया. आईएएस अफसर ने रिपोर्ट लिखने को कहा तो पुलिस ने महिला के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया था.
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