जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को बाबरी मस्जिद को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बाबरी गिरने से पहले नरसिम्हा राव को बोला था कि बीजेपी पर भरोसा न करें।
उन्होंने पीएम को सलाह दी थी कि उन्हें बीजेपी के वादे पर भरोसा नहीं करना चाहिए कि बाबरी मस्जिद को कुछ नहीं होगा। शरद पवार के अनुसार तब तत्कालीन बीजेपी नेता विजया राजे सिंधिया ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भरोसा दिया था कि बाबरी मस्जिद को कुछ नहीं होगा।
ऐसे में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने अपने मंत्रियों की सलाह के खिलाफ बीजेपी की बात पर विश्वास किया। बता दें कि नरसिम्हा राव सरकार में शरद पवार रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
सीनियर पत्रकार नीरजा चौधरी की किताब ‘हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड’ के विमोचन पर बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय रक्षा मंत्री रहे पवार ने कहा कि वह तत्कालीन गृह मंत्री शंकरराव चव्हाण और गृह सचिव माधव गोडबोले के साथ उस बैठक में मौजूद थे। पवार ने दावा किया कि उस बैठक में विजया राजे सिंधिया ने तत्कालीन पीएम राव को आश्वासन दिया था कि बाबरी मस्जिद को कुछ नहीं होगा।
एनसीपी सुप्रीमो ने कहा कि गृहमंत्री और गृह सचिव को लगा कुछ भी हो सकता है, लेकिन नरसिम्हा राव ने बीजेपी यानी सिंधिया पर विश्वास करना चुना।
शरद पवार ने उस पूरे घटनाक्रम पर रौशनी डाली है और कहा है कि मंत्रियों का एक समूह था, उस समूह का मैं एक सदस्य था। इस बैठक में विजया राजे सिंधिया ने कहा था कि बाबरी मस्जिद को कुछ नहीं होगा, विजया राजे ने कहा था कि वे लोग सभी जरूरी कदम उठाएंगे और पीएम को सख्त कदम नहीं उठाने चाहिए।इस तरह से बीजेपी नेता के द्वारा मिले भरोसे के बाद विजया राजे का सुझाव पीएम नरसिम्हा राव ने स्वीकार कर लिया। हालांकि इसके बाद गृह मंत्री, गृह सचिव और स्वयं शरद पवार ने पीएम नरसिम्हा राव को सलाह दी थी कि उन्हें बीजेपी नेतृत्व की बातों पर भरोसा नहीं करना चाहिए, कुछ भी हो सकता है।
शरद पवार यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे खुलासा किया है कि पीएम ने बीजेपी नेताओं की बात पर भरोसा करना पसंद किया और इसके बाद क्या हम सभी जानते हैं।
पत्रकार नीरजा चौधरी ने मस्जिद विध्वंस के बाद राव की कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के साथ हुई बातचीत को इसमें शामिल किया है।
जब पीएम से इस पूरे प्रकरण पूछा गया था कि विध्वंस के समय वह क्या कर रहे थे। नीरजा चौधरी ने आगे दावा किया है कि राव ने पत्रकारों से कहा था कि उन्होंने ऐसा होने दिया क्योंकि इससे एक गंभीर घाव खत्म हो जाएगा और उन्हें लगा कि भाजपा अपना मुख्य राजनीतिक कार्ड खो देगी। कुल मिलाकर इस पुस्तक के सामने आने के बाद कई राज से पर्दा उठ रहा है।