जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. किसानों को इन्साफ दिलाने के लिए संत के बाद अब वकील ने भी अपनी जान कुर्बान कर दी. संत बाबा राम सिंह और वकील अमर जीत सिंह के सुसाइड नोट अब दिल्ली बार्डर लांघ कर पूरे देश में चहलकदमी करते हुए सरकार को जगाने की कोशिश में लगे हैं.
दिल्ली बार्डर पर सुसाइड नोट लिखने के बाद संत बाबा राम सिंह ने जब अपने ही रिवाल्वर से खुद को गोली मारी थी तब यह महसूस किया गया था कि शायद बाबा की कुर्बानी आंदोलित किसानों के इन्साफ का जरिया बन जाए लेकिन इस मौत को कहीं नोटिस ही नहीं लिया गया.
संत बाबा राम सिंह की मौत के बाद वकील अमर जीत सिंह ने आन्दोलित किसानों के प्रति सरकार के व्यवहार से दुखी होकर अपनी जान दे दी. जलालाबाद में फाजिल्का बार एसोसियेशन के सदस्य अमरजीत सिंह एडवोकेट ने अपने सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए किसान आन्दोलन के प्रति सरकार की उदासीनता को ज़िम्मेदार ठहराया है.
वकील अमरजीत सिंह ने अपने सुसाइड नोट में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को डिक्टेटर बताते हुए लिखा है कि भारत के लोगों ने आपको पूर्ण बहुमत दिया ताकि आप उनकी ज़िन्दगी को समृद्ध बनायें लेकिन आप अम्बानी और अडानी के प्रधानमंत्री बन गए. आपके तीन काले कृषि कानूनों से किसान खुद को छला हुआ महसूस कर रहे हैं. लोग सड़कों पर अपनी पीढ़ियों के लिए आन्दोलन कर रहे हैं.
उन्होंने लिखा है कि आपने कुछ पूंजीपतियों का पेट भरने के लिए उस खेतीबाड़ी को तबाह कर डाला जिसे भारत की रीढ़ माना जाता है. अमरजीत सिंह ने अपने सुसाइड नोट में प्रधानमंत्री से अपील की है कि कृपया कुछ पूंजीपतियों के लिए आम आदमी, किसान और मजदूर की रोटी मत छीनिए. उन्हें सल्फास खाने पर मजबूर मत कीजिये.
#JustIn The #farmersprotest claims one more life. Advocate Amarjeet Singh from Bar Association, Jalalabad, Fazilka allegedly committed suicide at the protest site in Tikri border. pic.twitter.com/c6zUeqHZ8z
— Rupashree Nanda (@rupashreenanda) December 27, 2020
उन्होंने लिखा है कि आपने सामाजिक रूप से जनता को धोखा दिया और राजनीतिक रूप से शिरोमणि अकाली दल जैसे सहयोगियों को धोखा दिया.
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अपने सुसाइड नोट में एडवोकेट अमर जीत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आगाह करते हुए लिखा है कि सुनिए, जनता की आवाज़ ही ईश्वर की आवाज़ है. कहते हैं कि आपको गोधरा जैसी कुर्बानियों की चाह है तो मैं इस विश्वव्यापी विरोध के समर्थन में अपना बलिदान दे रहा हूँ ताकि आपकी गूंगी बहरी चेतना जाग सके.