न्यूज डेस्क
हैदराबाद में महिला डॉक्टर हत्याकांड के बाद से ही पूरे देश में आक्रोश का महौल है। संसद से लेकर सड़क तक हर जगह रेप से जुड़े कड़े कानून बनाने की मांग हो रही है। न्याय व्यवस्था पर उठ रहे सवाल के बीच हैदराबाद पुलिस ने दिशा (बदला हुआ नाम) गैंगरेप-मर्डर केस में चारों आरोपियों को ढेर कर दिया है।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार सुबह हैदराबाद के एनएच 44 पर पुलिस के साथ मुठभेड़ में आरोपियों को ढेर किया गया। बता दें कि 27 नवंबर को आरोपियों ने महिला डॉक्टर के साथ रेप किया था और बाद में जिंदा जला दिया गया था। महिला डॉक्टर का जला शव बेंगलुरु हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर अंडरपास के करीब मिला था।
यह भी संयोग है कि ये सभी आरोपी पुलिस एनकाउंटर में ठीक उसी जगह मारे गए, जहां 10 दिन पहले महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी की गई थी। फिलहाल पुलिस ने इन सभी के शवों को मौके से हटा दिया है, ताकि किसी भी तरह का हंगामा न हो सके।
हैदराबाद पुलिस को दिशा (बदला हुआ नाम) के आरोपियों की 7 दिन की कस्टडी मिली थी। पुलिस इन सात दिनों में पूछताछ कर रही थी और इसी दौरान सीन को रिक्रिएट करने के लिए आरोपियों को उसी स्थान पर ले गई थी, जहां उन्होंने दिशा (बदला हुआ नाम) के साथ रेप किया था और उसे जिंदा जला दिया था।
इस बीच पुलिस के इस एनकाउंटर पर सवाल भी उठने लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट की वकील वृंदा ग्रोवर ने पुलिस पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पुलिस पर मुकदमा दर्ज किया जानिए और पूरे मामले की स्वतंत्र न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए। महिला के नाम में कोई भी पुलिस एनकाउंटर करना गलत है।
वहीं, बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा, ‘धन्यवाद हैदराबाद पुलिस, यह बलात्कारियों से निपटने का तरीका है। आशा है अन्य राज्यों की पुलिस आपसे सीख लेगी।‘
DCP शमसाबाद प्रकाश रेड्डी ने बताया कि साइबराबाद पुलिस आरोपियों को ले गई थी, क्राइम स्पॉट पर री-कन्स्ट्रक्शन होना था, आरोपियों ने पुलिस के हथियार छीने और पुलिस पर फायरिंग की, आत्मरक्षा में पुलिस ने फायरिंग की और चारों आरोपी मारे गए।
उठ रहे हैं कई सवाल
जानकारों का यही कहना है कि इस एनकाउंटर पर सवाल उठ सकते हैं। इस पूरे मुठभेड़ की मजिस्ट्रियल जांच हो सकती है। हालांकि, अभी सबकी नजर पुलिस के बयान पर है।
पुलिस को मीडिया के साथ ही कोर्ट के सामने कई सवालों के जवाब देने होंगे, जिसमें किन हालत में एनकाउंटर किया गया?
रीक्रिएट के दौरान पुलिस कस्टडी में आरोपी कैसे भागने लगे?
आरोपी अगर भाग रहे थे तो पहले उनके पैर में गोली मारी गई थी या नहीं? जैसे सवाल शामिल है।
आरोपियों के पास हथियार कैसे आया।