जुबिली न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान एक बड़ा फैसला दिया। अदालत ने कहा कि ससुराल में पत्नी को लगी चोट के लिए पति ही जिम्मेदार है।
शीर्ष अदालत ने यह बातें अपनी पत्नी से मारपीट करने वाले एक शख्स की अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई के दौरान कही।
अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि भले ही यह चोट किसी अन्य रिश्तेदार की वजह से आई हो लेकिन इसके लिए पति को ही जिम्मेदार माना जाएगा। मारपीट के आरोपी शख्स की यह तीसरी शादी है जबकि महिला की दूसरी शादी है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार शादी के एक साल बाद साल 2018 में महिला ने बच्चे को जन्म दिया था। जून 2020 में महिला ने लुधियाना पुलिस में अपने पति और ससुरालवालों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। महिला का आरोप था कि दहेज की मांग पूरी न करने पर उसे उसके पति, ससुर और सास ने बेरहमी से पीटा था।
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जब महिला के पति के अधिवक्ता कुशाग्र महाजन ने अपने मुवक्किल को अग्रिम जमानत दिए जाने का अनुरोध किया तो मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, ‘आप किस तरह के आदमी हैं? महिला ने आरोप लगाया है कि उसका पति उसे गला दबाकर मारने वाला था। उसका आरोप है कि उसका गर्भपात हो गया। आप किस तरह के आदमी हैं कि एक क्रिकेट बैट से अपनी पत्नी को पीटते हैं?’
इस पर अधिवक्ता महाजन ने कहा कि महिला ने खुद आरोप में कहा है कि उसके ससुर उसे बैट से पीटा करते थे तो इस पर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके पिता या आप उसे बैट से मारा करते थे। जब ससुराल में एक महिला को चोट लगती है तो प्राथमिक जिम्मेदारी पति की होती है।’
इसके बाद बेंच ने शख्स की याचिका खारिज कर दी। मालूम हो कि इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने भी पति को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।