जुबिली न्यूज डेस्क
औरत का नशा ऐसा नशा जो इंसान को कातिल बना दे, बस इसी खौफनाक जुनून को उसने अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया। वो इस नशे के लिए इस कदर पागल हो चुका था कि शहर की हर लड़की, हर महिला को अपना शिकार बनाना चाहता था और इसके लिए उसने चुना एक बेहद शातिर तरीका। वो दिन में पुलिसवाला बन जाता और रात को मानव भेड़िया।
इंसानी भेड़िये की कहानी
आपको बता दे कि रूस के मिखाइल पोपकोव की जिसने 200 महिलाओं के साथ जबरदस्ती रातें गुजारी, उनके साथ जिस्मानी संबंध बनाएं और फिर उन्हें दे दी ऐसी मौत जिसकी कल्पना करने से भी रुह कांप जाती है। दुनिया में कई खतरनाक हत्यारे हुए, लेकिन ये हत्यारा इतना खुंखार था कि इसे दुनिया में मानव भेड़िया यानी वेयवोल्फ के नाम से जाना जाता है। ये भेड़िया शहर भर में अपना शिकार ढुंढता और सूरज ढलते ही उस शिकार पर टूट पड़ता। महिलाओं के सामने पुलिस की वर्दी पहनकर पहले रक्षक के रूप में आता और फिर उनकी इज्जत, उनकी जिंदगी ही उनसे छीन लेता।
मिल रही थी महिलाओं की अर्धनग्न लाशें
1992 से 2002 के बीच रूस में एक के बाद महिलाओं की लाशें मिलने लगी। रूस के अंगासर्क शहर में नब्बे के दशक में हाहाकार मच गया। वजह थी महिलाओं की अर्धनग्न लाशें मिलना। एक के बाद एक कई लाशें मिलने लगी तो पुलिस को समझ आया कि शहर में घूम रहा कोई वहशी दरिंदा जो औरतों को जानबूझकर अपना शिकार बना रहा है। जितनी भी महिलाओं की लाशें मिली उनसे कत्ल के पहले संबंध बनाए गए थे। एक दो नहीं बल्की कई महिलाएं मारी जा चुकी थीं, लेकिन हत्यारे का कोई पता ही नहीं था।
सीरियल किलर के निशाने पर थीं महिलाएं
ये खौफनाक हत्यारे का कत्ल का तरीका भी बेहद डरावना था। कभी हथौड़े से तो कभी कुल्हाड़ी से महिलाओं पर वार के निशान मिलते थे। पोस्टमार्टम से पता चलता था कि महिलाओं को मारने से पहले काफी देर तक तड़पाया जाता था। धीरे-धीरे करके ही बेहद खतरनाक तरीके से सारी हत्याओं को अंजाम दिया जाता था। मरने वाली महिलाओं की उम्र अलग-अलग थी। 18 साल से लेकर 50 साल तक की लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा था। हर किसी को यही डर था कि कही इसका अगला निशाना वो ही न बन जाएं।
पुलिसवाला ही था सीरियल किलर
शहर में मौत का तांडव हो रहा था, हर कोई डरा हुआ था कि कौन इस सीरियल किलर का अगला शिकार होगा, लेकिन पुलिस कुछ भी नहीं कर पा रही थी। करती भी कैसे क्योंकि ज्यादातर केस में जांच अधिकारी बनकर यही दरिंदा सबसे पहले क्राइम स्पॉट पर पहुंचता था। पुलिस वाला बनकर ये सीरियल किलर हर केस को रफा दफा कर देता।ये क्राइम सीन पर जाकर सबूत जुटाने का नहीं बल्कि सबूत मिटाने का काम करता। एक रात पहले किए अपने हैवानियत भरे काम को ये पुलिस की वर्दी में बड़ी ही आसानी से मिटा देता। मिखाइल पोपकोव ने पुलिस की नौकरी ज्वाइन ही जुर्म को अंजाम देने के लिए की थी। उसका मकसद ही था महिलाओं के साथ रेप करना और उनका कत्ल करना।
कार टायर से पकड़ा गया ‘इंसानी भेड़िया’
ये खतरनाक भेड़िया शहर में सैकड़ों जानें ले चुका था और खुली हवा में घूम रहा था। ये इतना शातिर था कि अगर किसी को इसपर शक होता तो उसे भी मौत दे देता। एक दो बार इसके साथी पुलिसवालों को इसके खिलाफ कुछ सबूत मिले तो इसने उन पुलिसवालों को ही अपने रास्ते से हटा दिया, लेकिन कहते हैं न हर अपराधी का अंत तो कभी न कभी होता ही है। इसके दरिंदे के अंत की कहानी शुरू हुई इसकी कार से। पुलिस को लड़की की लाश के पास से इस सीरियल किलर के कार टायर के निशान मिले और फिर इसे गिरफ्तार कर लिया गया।
खूबसूरत लड़कियों से करता था रेप
पुलिस पूछताछ में इस दरिंदे ने अपनी पूरी कहानी बताई। ये अपनी कार में बार के आसपास खड़ा रहता था और खूबसूरत लड़कियों को अपनी कार में लिफ्ट देता था। अगर लड़की इसकी कार में आ गई तो उस रात उसको बेहद डरावनी मौत दी जाती थी। ये लड़कियों के साथ कार में ही जबरदस्ती संबंध बनाता और या तो कुल्हाड़ी से या फिर हथौड़े से धीरे-धीरे करके उसे मारता।
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लड़कियां दर्द से कराहती तो ये उनकी तड़प देखकर खुश होता और उन्हें और ज्यादा दर्द देता। रात में ही ये लड़कियों की लाश को जंगल में फेंक देता। इसने 88 लड़कियों की हत्या की बात कबूल की। हालांकि माना जाता है कि 200 से ज्यादा लड़कियों को इसी तरह तड़पा-तड़पाकर मार चुका था। इसका कहना था कि इसने ऐसी महिलाओं का कत्ल करके सिर्फ शहर की गंदगी साफ की है।
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