जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. कोरोना को हराने के लिए जर्मनी और अमेरिका के जिन लैब में वैक्सीन तैयार करने का काम चल रहा है वहां पर साइबर अटैक हुआ है. इस साइबर हमले में उस रिकार्ड को चुरा लिया गया है जिसमें वैक्सीन का जिन लोगों पर ट्रायल किया गया उनके रिकार्ड थे.
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अमेरिका की कंपनी फाइजर और जर्मनी की कंपनी बायोनटेक के डेटा सेंटर पर एक साथ साइबर अटैक किया गया. साइबर अपराधियों ने वैक्सीन से सम्बंधित ज़रूरी जानकारी को गैरज़रूरी तरीके से चुरा लिया.
जानकारी मिली है कि इस साइबर अटैक में वैक्सीन से जुड़ी ज़रूरी फाइलें एक्सिस की गईं. दोनों कंपनियों ने खुद यह बात मानी है कि कोरोना वैक्सीन से सम्बन्धित फाइलें एक्सेस की गई हैं. हालांकि कंपनी ने दावा किया है कि दोनों वैक्सीन से जुड़े किसी सिस्टम में सेंध नहीं लगी है. हमलावर सिर्फ उन्हीं फाइलों तक पहुँच पाए जहाँ पर उन लोगों की जानकारी दर्ज थी जिन पर ट्रायल किया गया है.
दोनों कम्पनियों ने कहा है कि इस साइबर हमले के बावजूद हम समय से अपना काम करेंगे. दोनों कम्पनियों द्वारा बनाये गए टीके को पिछले हफ्ते ब्रिटेन में और बुधवार को कनाडा में इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिल चुकी है.
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दोनों वैक्सीन की कंपनियों पर साइबर अटैक के साथ ही एक खबर और भी सामने आ रही है जिसमें एमनेस्टी इंटरनेशनल का दावा है कि धनवान देशों ने अपनी जनसंख्या से तीन गुना वैक्सीन खरीद ली है. इस वजह से गरीब देशों के सामने ऐसे हालात बनेंगे कि उन्हें अपने नागरिकों के लिए आसानी से वैक्सीन नसीब नहीं हो पायेगी.