जुबिली स्पेशल डेस्क
बीते कुछ सालों से मोदी न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में चर्चा का केंद्र रहे हैं। उन्हें विश्व स्तर का बड़ा नेता माना जाता है। इतना ही नहीं मोदी जिस देश में जाते हैं उनको जोरदार स्वागत किया जाता है।
इसके अलावा विश्व के कई नेता खुद मोदी की तारीफ करते थकते नहीं है। ऐसे में मोदी जीत की हैट्रिक लगाने का सपना भी देख रहे हैं।
इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में मोदी का दबदबा देखने को खूब मिल रहा है लेकिन ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट मोदी को बड़ा झटका दे सकती है। अब सवाल है कि ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में ऐसे क्या है, जिसके बाद मोदी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल ह्यूमन राइट्स वॉच ने ‘वर्ल्ड रिपोर्ट 2024’ में भारत सरकार पर कई तीखे आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में सरकार पर मजहबी अल्पसंख्यकों की अनदेखी का आरोप लगाया गया है। ह्यूमन राइट्स वॉच मानवाधिकार को लेकर दुनिया के करीब 100 देशों पर अपनी सालाना रिपोर्ट पब्लिश की है।
इसी रिपोट्र्स में मोदी सरकार को लेकर कई तरह की बातें कही गई है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने लिखा है कि भारत वैश्विक नेतृत्व का दंभ भरता है, लेकिन लोकतंत्र वाले देश में अधिकारों के सम्मान को लेकर भारत सरकार का रवैया कमजोर रहा है।वर्ल्ड रिपोर्ट 2024 में लिखा है कि भारत में पिछले साल (2023) में मानवाधिकारों को दबाया गया है और लोगों के साथ उत्पीड़न की कई घटनाएं सामने आई हैं। रिपोर्ट में मणिपुर हिंसा, जम्मू कश्मीर का हालिया माहौल और जंतर मंतर पर महिला पहलवानों के विरोध को जगह दी गई है।इसके अलावा 740 पन्नों की रिपोर्ट में बीबीसी के दफ्तर में पड़े छापे, नूंह हिंसा की चर्चा की गई है।ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी रिपोर्ट में भारत सरकार को बीजेपी की सरकार के बजाय हिंदूवादी सरकार लिखा है।
वहीं मुस्लिम को लेकर कहा गया है कि मौजूदा सरकार मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा करने में विफल रही है। इतना ही नहीं मुस्लिम समाज को सुरक्षा देने में नाकामयाब रही है। रिपोर्ट के सामने आने के बाद अभी तक मोदी सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई लेकिन रिपोर्ट के दावों से भारत सरकार की नींद उडऩा तय माना जा रहा है। इसके अलावा विपक्ष भी इस रिपोर्ट के आधार पर मोदी सरकार से जवाब मांग सकता है।