जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के गंगा बेसिन में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का एक बड़ा भंडार मिला है. यह भंडार बलिया के सागर पाली से लेकर प्रयागराज के फाफामऊ तक लगभग 300 किलोमीटर के इलाके में पाया गया है. इस खोज से यह उम्मीद जताई जा रही है कि देश को इंधन के मामले में दशकों तक आत्मनिर्भरता हासिल हो सकती है. इस खोज को ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC) ने किया है और सभी संबंधित विभागों से एनओसी प्राप्त करने के बाद ओएनजीसी ने बलिया के सागर पाली में खुदाई का काम शुरू कर दिया है.
इस समय खुदाई 3 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में हो रही है और इस क्षेत्र को बाड़ से घेरकर आम लोगों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. ओएनजीसी के अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के लिए यह तेल और गैस का भंडार किसी वरदान से कम नहीं है. इसके जरिए उत्तर प्रदेश विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने की तैयारी कर चुका है. गौरतलब है कि तीन साल पहले इस क्षेत्र में तेल और गैस के भंडार के संकेत मिले थे.
तीन साल पहले मिले थे संकेत
इस सूचना के बाद ओएनजीसी ने तीन साल तक सेटेलाइट, भू-रासायनिक, गुरुत्वाकर्षण-चुंबकीय और मैग्नेटो-टेल्यूरिक (MT) सर्वेक्षण किए. इन सर्वेक्षणों के परिणामस्वरूप ओएनजीसी को केंद्र और राज्य सरकारों से खुदाई की अनुमति प्राप्त हुई. इसके बाद बलिया के सागर पाली में 8 एकड़ जमीन पर खुदाई शुरू कर दी गई, जहां अत्याधुनिक उपकरणों और मशीनों का उपयोग किया जा रहा है.
8 एकड़ क्षेत्र में बाड़
खुदाई के कार्य में किसी प्रकार की रुकावट न हो, इसके लिए ओएनजीसी ने पूरे क्षेत्र को बाड़ से घेर लिया है. खुदाई बलिया के सागर पाली के पास वैना रत्तू चक में हो रही है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग और सागर पाली गांव के बीच स्थित है. फिलहाल एक कुएं की खुदाई की जा रही है, जो करीब 3,001 मीटर गहरे तक जाएगी. यदि यहां से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं, तो गंगा बेसिन में अन्य स्थानों पर भी खुदाई की जाएगी.
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यह खोज बलिया के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम में भी बलिया का महत्वपूर्ण योगदान था. सागर पाली के स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय के नेतृत्व में बलिया ने देश में सबसे पहले स्वतंत्रता का अनुभव किया था. अब, यह उम्मीद जताई जा रही है कि बलिया एक बार फिर ऊर्जा क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. ओएनजीसी के अधिकारियों का मानना है कि बलिया की धरती में इतना तेल और गैस है कि भारत आने वाले दशकों तक ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सकता है. हालांकि, इन भंडार तक पहुंचने में अभी एक से डेढ़ महीने का समय लग सकता है, क्योंकि तेल और गैस काफी गहरे स्तर पर हैं.